मेमू दुर्घटना में घायल एक और यात्री ने तोड़ा दम
बिलासपुर। कोरबा-बिलासपुर मेमू दुर्घटना में घायल एक और यात्री की जान चली गई। पिछले डेढ़ माह से यात्री का इलाज सरकंडा के निजी अस्पताल में चल रहा था। घायल यात्री कोमा में था और डॉक्टरों की निगरानी में इलाज जारी था। शुक्रवार को निजी अस्पताल के डॉक्टर ने मृत होने की पुष्टि की है। साथ ही परिजन को घटना के बारे में जानकारी दे दी गई है।
बिल्हा के आजाद नगर निवासी तुलाराम अग्रवाल (60)अपने बेटे अंकित अग्रवाल (35) के साथ कोरबा-बिलासपुर मेमू में सवार था। मालगाड़ी से जोरदार टक्कर होन ेसे बेटे की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी। तुलाराम के सिर पर गंभीर चोटें आई थी। रेलवे ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। सरकंडा के एक निजी अस्पताल में तुलाराम का इलाज चल रहा था। वह कोमा में चला गया। देखने, सुनने व बोलने में असमर्थ थे। सिर्फ सांसे चल रही थी। शुक्रवार को डॉक्टर ने परिजन को मौत की खबर सुनाई। मृतक की बेटी मोना अग्रवाल ने रेलवे प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मेरे भाई की हादसा के दिन ही मौत हो गई थी और पापा तुलाराम गंभीर रूप से घायल था। एक माह से डॉक्टर बोल रहे थे कि ठीक हो रहा है। 35 दिन के बाद ब्रेन में ऑपरेशन करने की जानकारी दी। ऑपरेशन करने के लिए कहा गया तो मरीज की स्थिति को खराब बताते हुए डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने से इंकार करने लगे। घटना के बाद से पापा बोलना, देखना, सुनना कुछ नहीं कर पा रहे थे। ऑपरेशन के नाम पर डॉक्टरों की टीम ने कभी बीपी कम बताते थे, कभी ब्लड की कमी का हवाला देकर ऑपरेशन करने की स्थित में नहीं है बोलते थे। रेलवे की लापरवाही के चलते परिवार के दोनों मुखिया की मौत हो गई है। मुआवजा देकर रेलवे ने कोई बड़ा काम नहीं किया है। पुलिस ने पीएम के बाद शव परिजन को सौंप दिया है। घटना के संबंध में रेलवे प्रशासन को भी जानकारी दे दी गई है।


