आगरा में CCTV कैमरे ठप, ट्रंप की यात्रा के पहले हाई टेक सुरक्षा की खुली पोल


आगरा. जहां एक तरफ अमेरिका (USA) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगमन को लेकर पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था को हर पैमाने पर परखा जा रहा है वहीं ताज की सुरक्षा के मद्देनजर लगे येलो जोन के सभी 140 कैमरे सर्वर न होने की वजह से काम नहीं कर रहे हैं. फिलहाल ताज की सुरक्षा गश्त के सहारे ही चल रही है ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा को सजग अमेरिकी एडवांस टीम को ये जानकारी मिलने से आगरा पुलिस प्रशासन के अभेद और हाई टेक सुरक्षा के दावे पर सवालिया निशान भी लग सकता है. हालांकि अभी भी पुलिस अधिकारी इसका कोई ना कोई हल निकालने की बात कहते नजर आ रहे हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आगरा यात्रा से पहले उनकी एडवांस टीम लगातार व्यवस्थाओं का जायजा लेकर अपनी रणनीति तैयार कर रही है. गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा की तैयारियों का काम युद्ध स्तर पर चल रही हैं. सुरक्षा का जायजा लेने के लिए दो दिन पूर्व सोमवार को अमेरिका की खुफिया टीम (सीक्रेट सर्विसेज) आगरा पहुंची थी. खुफिया टीम में सात अधिकारी थे. खुफिया टीम ने सुबह सबसे पहले ताजमहल का निरीक्षण किया. ताज के आसपास की पूरी स्थिति जांची. इसके बाद टीम ताजमहल से लेकर खेरिया हवाई अड्डे तक गई, रास्ते में पड़ने वाले हर पड़ाव की जांच की. खुफिया टीम से मिले इनपुट के आधार पर एडवांस टीम भी व्यवस्थाओं का आकलन करेगी. ऐसे में ताजमहल के बाहर येलो जोन में सुरक्षा के लिए लगे 140 हाई टेक सीसीटीवी कैमरों का निष्प्रभावी होना बड़ी चूक साबित हो सकता है. गौरतलब है कि पहले भी सुरक्षा व्यवस्था में खामियों के चलते एडवांस टीम की नकारात्मक रिपोर्ट के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा का ताज दीदार का सपना अधूरा रह गया था.

तीन जोन में होती है ताज की सुरक्षा

ताजमहल की सुरक्षा को तीन जोन में बांटा गया है. ताज के अंदर का हिस्सा रेड जोन में आता है. इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के हवाले है, इसके अलावा ताज के बाहर 500 मीटर का दायरा और उससे आगे का तीसरे हिस्से की सुरक्षा पुलिस के जिम्मे है. ताज के येलो जोन में सुरक्षा को देखते हुए 140 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. ताज के पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी गेट पर पीटीजेड कैमरे (360 डिग्री पर घूमने वाला कैमरा) लगे हैं, इसके अलावा हर महत्वपूर्ण स्थान पर स्थाई कैमरे लगे हैं. शिल्पग्राम और पश्चिमी गेट की पार्किंग की ओर वाले रोड पर फुटपाथ पर कैमरे लगे हैं, जो गाड़ियों के नंबरों पर निगरानी रखते हैं. पिछले कई महीने से यह कैमरे खराब पड़े हैं. ताज महल के तीन ओर सुरक्षा का घेरा है, चौथी ओर यमुना नदी है. शिल्पग्राम की पार्किंग से कैमरे शुरू हो जाते हैं, इसके बाद पूर्वी गेट, पाठक प्रेस, दक्षिण गेट, आरके स्टूडियो, पश्चिमी गेट और यहां से बाहर निकलने वाले पूरे रास्ते पर सीसीटीवी कैमरों से ही निगरानी रखी जाती है. इसके अलावा ताज के तीनों गेटों पर पीटूजेड कैमरे लगे हैं, जो चारों ओर की हरकत को कैद कर सकते हैं.

सर्वर के सही रखरखाव ना होने से कैमरे ठप

आठ मार्च 2019 से ताज की सुरक्षा के सभी कैमरे ठप हैं, क्योंकि सर्वर का रखरखाव नहीं हो पा रहा है. सूत्रों के अनुसार सर्वर में दिक्कत आते ही ताज सुरक्षा में जुटे अधिकारियों ने महकमे के आला अधिकारियों को सूचित किया. इसके बाद सर्वर को ठीक कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. सूत्रों की माने तो सर्वर को ठीक कराने की अनुमानित लागत करीब 85 लाख रुपये आंकी गई है.

गौरतलब है कि कुल 140 कैमरे ताज के येलो जोन में सुरक्षा के लिए हैं. इनमें 09 पीटीजेड कैमरे (जो चारों ओर घूम सकते हैं), 131 स्थाई कैमरे (जो एक ही दिशा में नजर रखते हैं) और 30 कैमरे तीन से चार फीट की ऊंचाई पर हैं जो वाहनों के नंबरों पर नजर रखते हैं. इसके अलावा 06 एलईटी टीवी (54 इंच) की मदद से पुलिसकर्मी लोगों पर नजर रखते हैं.

ऐसे में सुपर पावर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के दौरे के दौरान ताज की सुरक्षा लगे कैमरों का सर्वर खराब होना काफी महंगा पड़ सकता है. यदि ताज के सुरक्षा घेरे में कोई वारदात होती है, तो पुलिस के पास या ताज सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मियों के हाथ खाली रहेंगे. सीसीटीवी के नाम पर सभी 140 कैमरे खिलौने बने हुए हैं.

इस बारे में एस पी सिटी रोहन पी बोत्रे ने बताया कि सीसीटीवी के खराब सर्वर को सही करने के लिये काम चल रहा है. अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के दौरे से पहले ही कोई न कोई हल निकाल लिया जाएगा. राष्ट्रपति ट्रंप के दौरे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई कोताही नहीं बरती जाएगी.

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!