जज़्बा का रक्तमित्र दे रहा जीवनदान, लॉकडाउन जैसे कठिन समय में करवा रहा लगातार रक्तदान


बिलासपुर. शहर में भर्ती सभी तरह के मरीज़ों और थैलासीमिया पीड़ित , सिकलिंन पीड़ित मरीज़ो के लिए फरिश्ता बन कर काम कर रहा है जज़्बा का रक्तमित्र 22 मार्च से लेकर अब तक 25 से ज़्यादा मरीज़ों जिनमे थैलासीमिया पीड़ित भी शामिल हैं ।को जज़्बा ने ब्लड की मदद पहुंचाई जिसमे तकरीबन 65 यूनिट्स ब्लड जो कि विभिन्न ब्लड बैंकों में जज़्बा द्वारा डोनेट करवाया गया है। 14 साल के पथरिया निवासी दीपेंद्र वर्मा महादेव हॉस्पिटल में भर्ती है जो कौमा में है पिछले कुछ दिनों से उसे 5 यूनिट्स ब्लड दिलवाकर उसकी जान बचाई ।इस लॉकडाउन जैसे कठिन समय मे जज़्बा के रक्तमित्र ने डोनर्स को अपनी ज़िम्मेदारी पर उनके घर से लाने और रक्तदान के बाद प्रशंसा पत्र से सम्मानित करने के बाद सकुशल घर तक छोड़ने का कार्य कर रही है ।जज़्बा लॉकडाउन की वजह से अलग अलग जिलों में फसे हुवे 5 थैलासीमिया पीड़ित बच्चों को भी बिलासपुर तक लाने और ब्लड चढ़वा कर सकुशल घर तक पहुंचाया गया ।जज़्बा टीम के रक्तमित्र द्वारा जांजगीर जिले के कुलिपोटा गांव के 4 थैलासीमिया पीड़ित बच्चों क्रमशः सजनी गोंड़  3 साल ,राजा गोंड़ 3 साल , फगुराम गोंड़ 2 साल  , रागिनी गोंड़ 1 साल एंव कवर्धा के अंदर के एक गांव से नेतराम साहू 10 साल इन सभी बच्चों को अपनी जिम्मेदारी पर ना सिर्फ उनके गांवो से बिलासपुर लाया ।जज़्बा रक्तमित्र द्वारा बल्कि उन्हें वापस छोड़ने भी गई जज़्बा की टीम इन बच्चों के शरीर मे खून की मात्रा ना के बराबर होने की वजह से उन्हें ब्लड चढाना ज़रूरी था , जिसे देखते हुवे जज़्बा के संयोजक संजय मतलानी ने बिलासपुर जिला पुलिस अधीक्षक से मदद मांगी , मामले की संवेदनशीलता को देखते हुवे पुलिस अधीक्षक  प्रशांत अग्रवाल ने संजय को सिविल लाइन थाने से दूसरे जिले में आवागमन का पास मुहैय्या करवाया गया । जिसकी मदद से जज़्बा इन बच्चों को बचा पाने में सफल हुई । 22 मार्च लॉकडाउन शुरू होने से अब तक जज़्बा द्वारा इनके अलावा अनगिनत मरीज़ों को शहर के डोनर्स की सुविधा दिलवाई ।जैसे ही लॉकडाउन की घोषणा हुई जज़्बा टीम तुरंत हरकत में आ गई क्योंकि आभास हो गया था कि जल्दी ही बिलासपुर के सभी ब्लड बैंको पर इसका असर पड़ने वाला है । जिसका खामियाजा कहीं न कहीं उन रेगुलर ब्लड चढ़वाने वाले थैलासीमिया सिकलसेल पीड़ित बच्चों को और बाहर से आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ सकता है ।ज़ाहिर सी बात है कि 144 धारा और प्रधानमंत्री जी के लॉकडाउन के आह्वान के बाद शहर और ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले ब्लड डोनर्स में भारी कमी हो जाएगी, जो आने वाले समय मे भयानक स्थिति पैदा कर देगी जज़्बा के संयोजक द्वारा प्रतिदिन सोशल मीडिया फेसबुक इत्यादि पर शहर के उन डोनर्स का डेटा मांगा गया जो इच्छुक तो है ।रक्तदान करने के पर पुलिस और लॉक डाउन के हालात में अपने घरों से निकल पाने में असमर्थ हैं। जज़्बा ने पुनः जिला पुलिस अधीक्षक  प्रशांत अग्रवाल से मदद मांगी ।तो अधीक्षक  ने पूरा सहयोग देने का वादा किया और कानून के अंतर्गत रहकर लोगो को ब्लड बैंक तक पहुंचाने की अनुमति प्रदान की।साथ ही शहर के ब्लड बैंक इंचार्जगण ने अपने अपने लेटर पेड पर लिखित में जज़्बा टीम को अनुमति भी दी ।कि शहर के डोनर्स को उनके ब्लड बैंक्स तक लाने के लिए इनकी टीम को उनके द्वारा नियुक्त किया गया है ।इस पूरी मुहिम में जिला पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल  कि भूमिका सराहनीय रही ।वर्तमान में जज़्बा ने एक व्हाट्सएप का इमरजेंसी ब्लड डोनर ग्रुप अस्थाई रूप से बनाया है, जिसमे ऐसे डोनर्स को जोड़ा जा रहा है, जो इस लॉकडाउन के वक़्त में जज़्बा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। और एक मैसेज मिलते ही उनके साथ चल पड़ते हैं ।जज़्बा के उस ग्रुप में जुड़ने के लिए 9617741111 पर केवल अपना नाम , पता , ब्लड ग्रुप भेज देने से आप इस रक्तमित्र कि मुहिम का हिस्सा बन सकते हैं ।जज़्बा के संयोजक संजय मतलानी ने कहा कि इमरजेंसी होने पर उनसे संपर्क किया जा सकता है जिस से ज़रूरतमंद तक उनकी रक्तमित्र टीम मदद पहुंचाएगी । जज़्बा द्वारा इस मुश्किल घड़ी में उसका साथ देने वाले सभी ब्लड डोनर्स को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जा रहा है। , साथ ही ये वादा भी किया जा रहा है कि इन सभी रक्तदाताओं को दिए जा रहे प्रशंसा पत्र की वैधता आजीवन रहेगी , वो जब चाहेंगे जज़्बा उनकी सहायता करने उनके साथ खड़ी मिलेगी ।रात 2 बजे भी अगर इन ब्लड डोनर्स को जज़्बा की किसी मदद की ज़रूरत होगी तो संस्था उन्हें मदद करेगी ।जज़्बा की रक्तमित्र की टीम में शामिल हैं संयोजक संजय मतलानी , अध्यक्ष विनय जेपी वर्म , शुभम प्रेमानी , रूपांक सिंह ठाकूर , प्रकाश देबनाथ , शिवम अवस्थी , उत्तम साहू, पायल चक्रबर्ती , तृप्ति सिंह , योगेश साहू , आयुष अरोरा , विजय वाधवानी , मो. नियाज़ , मो. कलाम शामिल हैं ।

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