चीन के शेनजेन में कुत्ते-बिल्ली खाना होगा बैन, इन जानवरों को भी नहीं खा सकेंगे


शेनजेन. कोरोना वायरस के जन्मदाता देश चीन के शहर शेनजेन ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए एक नया कानून पास किया है. यहां अब कुत्तों और बिल्लियों को खाना गैर कानूनी हो जाएगा. नए कानून के मुताबिक, ‘पेट एनिमल’ यानी पालतू जानवरों का मांस खाना बैन कर दिया जाएगा. साथ ही कछुए, मेंढक और सापों के खाने पर भी प्रतिबंध लग जाएगा.

आपको बता दें कि कोरोना वायरस के कारण चीन में हजारों लोगों ने जान गंवाई है, बावजूद इसके यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू नहीं किया जा रहा. इस कानून को 1 मई से लागू किया जाएगा. हैरानी की बात यह है कि इस तरह का ऐसा कोई कानून अभी चीन ने नहीं बनाया है जो पूरे देश पर लागू हो सके.

यहां सवाल यह उठता है कि आखिर क्या वजह है कि चीन में इसे तुरंत प्रभाव से लागू नहीं किया जा रहा है. 1 महीने यानी 30 दिन के इस समय के लिए आखिर शेनजेन क्यों लोगों को इन्हें खाते रहने की इजाजत दिए हुए है. एनिमल ऐक्टिविस्ट लंबे समय से पालतू जानवरों को खाने को बैन करने के लिए आवाज बुलंद किए हुए थे और अब इस कदम का जोरदार स्वागत कर रहे हैं.

यूलिन डॉग फेस्टिवल चीन का सर्वाधिक विवादास्पद फूड फेस्टिवल है जिसमें हजारों कुत्तों को क्रूर तरीके से मारा जाता है और उनकी चमड़ी उधेड़ी जाती है. इसके बाद लोगों द्वारा इन्हें पकाकर खाया जाता है.

इंटरनेशनल मीडिया के अनुसार सरकारी विज्ञप्ति के हवाले से बताया गया है कि शेनजेन में सरकार ने 1 अप्रैल को इस कानून को पास किया है जिसे 1 मई से लागू किया जाएगा. वैसे तो यह फैसला सरकार ने कोरोना वायरस के जानवर से इंसानी शरीर में पहुंचकर वैश्विक तबाही मचाने के चलते लिया है. लेकिन चीन की मंशा इस कदम को तुरंत लागू न कर पाने के कारण संदेह के घेरे में आ जाती है.

वहीं, अधिकारियों के मुताबिक ‘लोगों की प्रतिदिन की ज़रूरतों की संतुष्टी’ को ध्यान में रखकर ये फैसले लिए गए हैं. सरकारी दस्तावेज 9 तरह के जीव- जंतुओं को खाने के लिए ‘उचित’ मानते हैं- सुअर, गाय, भेड़, गधा, खरगोश, मुर्गा, बत्तख, कबूतर और हंस.

चीन में एनिमल प्रोटेक्शन चैरिटी के एक पॉलिसी स्पेशलिस्ट डॉक्टर पीटर ली मानते हैं कि चीन में हर साल 10 मिलियन कुत्तों और 4 मिलियन बिल्लियों की दर्दनाक हत्याओं के क्रूर कारोबार पर रोक की दिशा में यह एक बड़ा कदम है.

शेनजेन चीन की पांचवी सबसे बड़ी सिटी है. बता दें कि फरवरी में चीन की सर्वोच्च विधायिक समिति ने एक विधेयक पास किया था और जंगली जानवरों की खरीद-फरोख्त और खान-पान पर पूर्ण प्रतिंबध लगा दिया था.

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