कोरोना के प्रकोप से कैसे बचा रहा स्पेन का यह शहर?
मैड्रिड. कोरोना महामारी ने जिन देशों में सबसे ज्यादा कहर बरपाया है, उसमें स्पेन भी शामिल है. यहां 11 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन दक्षिणी स्पेन का एक शहर ऐसा भी है, जहां COVID-19 का एक भी मामला सामने नहीं आया है. इस शहर का नाम है जाहरा डे ला सिएरा (Zahara de la Sierra). यह संभव हो सका है यहां के मेयर सैंटियागो गैल्वेन की सूझबूझ के चलते. दरअसल, कोरोना वायरस के फैलाव की खबर सामने आते ही मेयर ने शहर को पूरी तरह सील कर दिया था. बाहरी व्यक्तियों के यहां आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई थी. इसका फायदा यह हुआ कि कोई भी संक्रमित व्यक्ति जाहरा डे ला सिएरा में प्रवेश नहीं कर पाया, और इस तरह सैंटियागो गैल्वेन शहरवासियों को कोरोना से बचाने में कामयाब रहे.
यह शहर अपने समृद्ध इतिहास के कारण एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में मशहूर है. मूर और ईसाइयों ने मध्ययुगीन काल में इसके लिए लड़ाई लड़ी थी, और 1812 में फ्रांसीसियों द्वारा इसे अलग कर दिया था. संभवतः यही वजह है कि फ्रांसीसी और जर्मन पर्यटकों के यहां आने पर मनाही है. किलेनुमा इस शहर में प्रवेश के पांच रास्ते हैं. जब स्पेन में कोरोना को लेकर आपातकाल लगाया गया उसी दिन 40 वर्षीय मेयर गैल्वेन ने पांच में से चार प्रवेश द्वारों को पूरी तरह बंद करने का फैसला लिया. खासबात यह रही कि उन्हें शहरवासियों का पूरा समर्थन मिला, जिसके चलते जल्द कार्रवाई की जा सकी और कोरोना को शहर की सीमा के बाहर ही रोक दिया गया.
इस ऐतिहासिक शहर की आबादी 1400 लोगों की है, जिसमें से लगभग एक चौथाई 65 वर्ष अधिक उम्र के हैं. ऐसे में यदि कोरोना यहां प्रवेश कर जाता, तो कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ सकती थी, क्योंकि डॉक्टरों के मुताबिक वायरस से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को ही है. जाहरा डे ला सिएरा के आसपास के शहर और गांवों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आये हैं, लेकिन मेयर सैंटियागो गैल्वेन की सूझबूझ के चलते महामारी यहां अपना प्रकोप नहीं दिखा सकी. अपने फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए गैल्वेन कहते हैं, ‘दो सप्ताह से अधिक का समय हो गया है, और यहां कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है. मुझे लगता है कि यह एक अच्छा संकेत है’.
बाकी देश का ऐसा है हाल
स्पेन में कोरोना के मामलों में इजाफा दर्ज किया जा रहा है. संक्रमित मरीजों का आंकड़ा यहां एक लाख को पार कर गया है, जिनमें से करीब 7 हजार की हालत चिंताजनक बनी हुई है. जबकि मृतकों की संख्या 11 हजार से ज्यादा पहुंच चुकी है. जाहरा डे ला सिएरा एक तरह से उदाहरण के रूप में सामने आया है कि अगर समय रहते ज़रूरी उपाय कर लिए जाएं, तो बड़ी से बड़ी आपदा से बचा जा सकता है या कम से कम उसके प्रभाव को न्यूनतम किया जा सकता है.