अवैध महुआ शराब पकड़ने गई आबकारी टीम पर आधा दर्जन ग्रामीणों ने किया हमला

बिलासपुर. महुआ शराब पकड़ने गए आबकारी विभाग के अमले पर ग्रामीणों एवं शराब बनाने वालों ने हमला कर दिया। जिससे अधिकारी सहित आरक्षकों को गंभीर चोटें आई है। पुलिस ने मामले में अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। जानकारी अनुसार करगीरोड कोटा के खरगहनी-चांदापारा क्षेत्र में लगातार महुआ शराब बनाने की शिकायत आबकारी विभाग को मिल रही थी। जिस पर बुधवार की सुबह आबकारी विभाग की टीम जिसमें सहायक जिला आबकारी अधिकारी, एसआई सहित लगभग 12 आरक्षकों की एक टीम ने खरगहनी-चांदापारा क्षेत्र में नदी के किनारे सर्चिंग पर निकले जहां महुआ शराब लगभग 100 लीटर बनते पाया गया। आबकारी टीम द्वारा महुआ शराब को नष्ट किया गया। जिससे क्षुब्ध ग्रामीणों ने फावडा, कुल्हाडी, डंडा से उन पर हमला बोल दिया। अचानक हुए हमले से आबकारी विभाग की टीम के एसआई व आरक्षक के सिर व पैर पर चोट आई।

आबकारी विभाग की टीम अपनी जान बचाकर कोटा थाना पहुंच आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कराया। अपराध पंजीबद्ध कर आबकारी विभाग की टीम को जांच के लिए स्वास्थ्य केन्द्र भेजा गया। आबकारी एसआई मुकेश पाण्डेय ने बताया कि नदी किनारे सर्चिंग करते उनकी टीम ने वहां बन रहे महुआ शराब की खेप को नष्ट करते आगे बढ़ रहे थे। उसी दौरान आधा दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने उन पर हमला कर दिया। जिससे वे इधर-उधर भाग कर अपनी जान बचाई। ग्रामीणों के हमले से आरक्षक रामेश्वर प्रसाद साहू का सिर फट गया वहीं एस आई मुकेश पाण्डेय के हाथ व पैर में अधिक चोट आई। ग्रामीणों ने उनके वाहन के कांच को तोड़कर वाहनों को नुकसान पहुंचाया है। हमले में एसआई मनोज पाण्डेय का मोबाइल भी मौके पर गिर गया।

कोटा क्षेत्र में आए दिन अवैध महुआ शराब का निर्माण किया जा रहा है। लाॅकडाउन के चलते लोगों को देशी-विदेशी मदिरा नहीं मिलने के कारण वे महुआ शराब की ओर आकर्षित हो रहे है। वहीं कोटा क्षेत्र में लगातार अवैध महुआ शराब निर्माण की शिकायत आबकारी विभाग को मिल रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि खरगहनी-चांदापारा डेंजर जोन के रूप में जाना जाता है। वहां कार्रवाई करने जाने वाले अधिकारी-कर्मचारियों पर ग्रामीणो द्वारा हमला कर दिया जाता है। कोटा पुलिस भी वहां जाने से कतराते रहते है। ऐसी स्थिति और भी कई बार निर्मित हो चुकी है।

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