छत्तीसगढ़ सरकार की निःशुल्क राशन प्रदाय योजना से गरीबों की चिंता हुई दूर
बिलासपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिये जारी लाॅकडाउन के कारण रोजी-मजदूरी और विभिन्न व्यवसाय वर्तमान में बंद है। ऐसे समय में गरीब परिवारों के लिये छत्तीसगढ़ सरकार की दो माह का निःशुल्क राशन प्रदाय योजना बड़ी राहत लेकर आया है। अब गरीब परिवारों को भी भोजन की समस्या नहीं होगी। रोजी-मजदूरी करने वाले तेंदुभाठा सरकंडा निवासी शंकर मानिकपुरी अपने तीन सदस्यीय परिवार के साथ लाॅकडाउन के कारण वर्तमान में काम पर नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में परिवारों का भरण-पोषण काफी मुश्किल भरा काम है। अब उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार की निःशुल्क राशन प्रदाय योजना ने चिंता दूर कर दी है। शंकर मानिकपुरी को दो महीने का 70 किलो चांवल, दो किलो नमक और दो किलो शक्कर मिला है। वे राशन दुकान से हर माह राशन उठाते हैं। उन्हें बाहर से खरीदना नहीं पड़ता है। शंकर मानिकपुरी ने संकट की इस घड़ी में गरीबों के राशन व्यवस्था के लिये छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद दिया है। इसी तरह बंधवापारा की माया वैष्णव ने अपने बीपीएल कार्ड से 35 किलो चांवल उठाया है। वे भी सरकार की इस योजना से संतुष्ट हैं। बंधवापारा के ही एपीएल राशनकार्डधारी तेजउराम वर्मा ने भी 20 किलो चांवल उठाया है। उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा समय पर राशन की व्यवस्था करने से वे काफी राहत महसूस कर रहे हैं। उन्हें अब खाने की चिंता नहीं है। इमलीभाठा की निराश्रित महिला उमाशशी मेहनत मजदूरी करके अपना गुजर-बसर करती है, उसे दो माह का राशन, नमक और शक्कत मुफ्त में मिला है। वे चार माह पूर्व जांजगीर से आयी है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत बिलासपुर जिले के चार विकासखंड और सात नगरीय निकायों के 3 लाख 75 हजार 423 बीपीएल हितग्राहियों को माह अप्रैल और मई के चावल और नमक का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। इसके लिए नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा 1 लाख 24 हजार 337 क्विंटल चावल और 4295 क्विंटल रिफाइन्ड नमक का भंडारण किया गया है। जिला खाद्य अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिलासपुर जिले के विकासखंड बिल्हा, तखतपुर, मस्तूरी, कोटा और नगरीय निकाय रतनपुर, कोटा, तखतपुर, बिलासपुर, मल्हार, बोदरी और बिल्हा के अन्त्योदय, निराश्रित, अन्नपूर्णा, प्राथमिकता वाले राशनकार्ड धारक व निःशक्त जनों को निःशुल्क चावल व नमक प्रदान किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के 2 लाख 76 हजार 597 हितग्राही और नगरीय क्षेत्रों के 98 हजार 826 हितग्राही इससे लाभान्वित होंगे। ग्रामीण क्षेत्र में अंत्योदय कार्डधारक हितग्राही 66, 215, निराश्रित 2522, अन्नपूर्णा 198, प्राथमिकता 2 लाख 7 हजार 237 और 425 निःशक्त जन कार्डधारी हैं। शहरी क्षेत्र में अन्त्योदय कार्ड धारक 21 हजार 537, निराश्रित 1116, अन्नपूर्णा 16, प्राथमिकता 76044 और 113 निःशक्तजन कार्डधारी हैं। हितग्राही अपनी सुविधानुसार इकट्ठे दो माह का या अलग-अलग माह का खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं। कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान गरीब परिवारों को खाद्यान्न की समस्या न हो इसको ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था की गई है।