प्रवासी मजदूरों के लिये जिला प्रशासन की तैयारी, जिले में बनाये गये 1066 क्वारंटीन सेंटर


बिलासपुर.लाॅकडाउन में अन्य राज्यों में फंसे बिलासपुर जिले के श्रमिकों की वापसी हेतु जिला प्रशासन द्वारा तैयारी की जा रही है। कलेक्टर डाॅ.संजय अलंग द्वारा आज इसकी समीक्षा की गई। जिले में बनाये गये सूची अनुसार अन्य राज्यों में 57 हजार से अधिक श्रमिक फंसे हुए हैं। जिला प्रशासन द्वारा 64 हजार से अधिक श्रमिकों की वापसी के अनुमान के आधार पर तैयारी की जा रही है। श्रमिकों के लिये 1066 क्वारंटीन सेंटर नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये गये हैं। अन्य प्रदेश गये मजदूरों की जानकारी पंचायत स्तर पर एकत्रित करने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अन्य राज्य से आने वाले मजदूरों को उनके गांव के बाहर सामुदायिक भवन, छात्रावास, सांस्कृतिक भवन, मंगल भवन, पंचायत भवन आदि में 14 दिनों तक क्वारंटीन पर रखा जाएगा। कलेक्टर ने सभी क्वारंटीन सेंटर पर पूर्ण तैयारी सुनिश्चित करने का निर्देश संबंधित एसडीएम और तहसीलदारों को दिया है। मजदूरों की वापसी पश्चात उन्हें संबंधित तहसीलों में भेजा जाएगा। जहां उनका स्वास्थ्य जांच और स्क्रीनिंग कराई जाएगी। इसके बाद उन्हें क्वारंटीन किया जाएगा। क्वारंटीन सेंटर में साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय सहित अन्य सभी जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित करने कहा गया है। मजदूरों की संख्या ज्यादा होने पर अस्थाई शौचालय भी बनाने का निर्देश दिया। कलेक्टर ने कहा कि 1 मई के बाद जो भी मजदूर अन्य राज्यों से आ रहे हैं, उनकी जानकारी लेकर उन्हें क्वारंटीन किया जाए। मजदूरों की जानकारी लेने के लिये गांव-गांव में मुनादी भी कराई जाए।

बिना लायसेंस एवं पंजीयन के खाद्य पदार्थ बेचना प्रतिबंधित, कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया कलेक्टर ने : खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत लायसेंसधारी एवं पंजीकृत खाद्य पदार्थ विक्रेताओं को ही भोज्य पदार्थ बेचने की अनुमति है। जिला प्रषासन द्वारा बिना पंजीयन एवं लायसेंस के बगैर भोज्य एवं तरल खाद्य पदार्थ बेचने वाले दुकानदारों पर नियमानुसार कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया है। खाद्य पदार्थ के दुकानों, ठेलों में भीड़ रोकने एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करने के लिये कलेक्टर द्वारा इस निर्देश का कड़ाई से पालन करने कहा गया है। उन्होंने सभी एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि वे टीम बनाकर निरीक्षण करें और कार्यवाही करें। जिला प्रषासन द्वारा नगर निगम क्षेत्र में भी ऐसे दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है, जिनके पास गुमास्ता एक्ट के तहत पंजीयन है। जिन दुकानों का पंजीयन नहीं है, ऐसे दुकानों को बंद कराया जाएगा। इसके लिये नगर निगम के अधिकारी को निरीक्षण कर कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया। सहायक खाद्य एवं औषधि नियंत्रक ने बताया कि खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत 12 लाख और उससे अधिक वार्षिक टर्नओवर वाले खाद्य पदार्थ विक्रेताओं को लायसेंस लेना अनिवार्य है। इसी तरह 12 लाख वार्षिक टर्नओवर से कम वाले दुकानों को पंजीयन कराना अनिवार्य है।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!