करोड़ों का धान बारिश के हवाले

बलरामपुर/धीरेन्द्र कुमार द्विवेदी.छत्तीसगढ़ सरकार के लिए धान खरीदी करना एक चुनौती थी जिसको लेकर पूरा सरकार व जिला प्रशासन सजग व सतर्क होकर किसानों के दानों को खरीदने में अपना पूरा योगदान दिया जिसको लेकर जिला प्रशासन के समस्त  अधिकारी कर्मचारी  और रात दिन  ड्यूटी कर अपनी जवाबदेही को निभाया एवं कई तरह की राजनीतिक उठापटक भी देखने को मिला वहीं बलरामपुर जिले के बलंगी समिति में धान का उठाव ना होना एवं करोड़ों की लागत से खरीदी गई धान को बारिश के हवाले करना समझ से परे है जब इस संबंध में *पत्रकरो ने समिति प्रबंधक से बात की गई तो गैर जिम्मेदाराना बयान* देते हुए बताया कि मेरे द्वारा उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई है परंतु उठाओ ना होने की वजह से धान सड़ रहा है जबकि समिति में रखे धान के उठाओ से पूर्व सुरक्षा के संपूर्ण जवाबदेही समिति प्रबंधक की होती है जिसके लिए शासन समितियों को सुरक्षा फंड मुहैया कराती है  ताकि धान को *2 लेयर सुरक्षा कभर में रखा* जाए ताकि धान का दाना खराब ना हो. इस संबंध में * पत्रकारो द्वारा डी एम ओ बलरामपुर से जब चर्चा हुई तो* उन्होंने बताया कि समिति में रखे धान का वजन तय मानक से कम है जब परिवहन किया जाता है तो समिति से उठाएगा धान का वजन काफी कम हो जाता है जिससे परिवहन करता को नुस्कान हो रहा है यही कारण है कि कोई भी परिवहन करता बलंगी समिति का धान उठाव करने से बचना चाहते हैं जबकि समिति प्रबंधक को भी परिवहन करने का अधिकार है परंतु समिति प्रबंधक के द्वारा ही उठाओ कराने एवं परिवहन कराने से आनाकानी की जा रही है पूर्व में भी समिति प्रबंधक के द्वारा ही बलंगी समिति का धान उठाओ कराया गया था इस संबंध में जब पत्रकारो ने  *वाड्रफनगर एसडीएम विशाल महाराणा* से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जांच करा रहे हैं जांच उपरांत उचित कार्रवाई की जाएगी सवाल यह उठता है कि धान खरीदे से पूर्व सरकार एवं प्रशासन एक-एक दाना की एवं एक-एक बोरी धान का पंजीयन एवं सत्यापन करते हैं ताकि किसी भी तरह से धान खरीदी में हेराफेरी ना हो सके परंतु इन सब के बावजूद भी करोड़ों के धान को पानी में भीगने के लिए छोड़ देना लाखों का घपले व सरकार को चूना लगाता हुआ नजर आ रहा है

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