भाजपा सांसदों की संसदीय निष्क्रियता गैर-जिम्मेदाराना है : बिस्सा

रायपुर.वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेश बिस्सा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों की निष्क्रियता के कारण छत्तीसगढ़ का बहुत नुकसान हो रहा है। भाजपा के सांसदों ने अगर सक्रीयता रखी होती तो केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को पर्याप्त आर्थिक मदद करती। अन्य प्रदेशों में फंसे गरीब मजदूरों व अन्य लोगों के साथ भी तत्पर्यता से न्याय होता।

बिस्सा ने बताया कि छत्तीसगढ़ ले भाजपा सांसदों का लोकसभा का रोकार्ड देखें तो वह भी शर्मसार करने वाला है। भाजपा के सुनील सोनी रायपुर ने मात्र 8 प्रश्न, मोहन मंडावी कांकेर ने 4 प्रश्न, दोबारा सांसद बने गुहाराम अजगले जांजगीर चांपा व श्रीमती रेणुका सिंह सरगुजा ने तो कोई भी प्रश्न पूछना आवश्यक नहीं समझा। जबकि सक्रियता के साथ कांग्रेस के दोनों सांसदों  दीपक बैज सांसद बस्तर ने 98 प्रश्न एवं श्रीमती ज्योत्सना महंत ने 39 प्रश्न पूछकर छत्तीसगढ़ की आवाज बुलंद की।

बिस्सा ने कहा कि पिछले 4 माह से संपूर्ण राष्ट्र व प्रदेश कोरोना संकट से प्रभावित चल रहा है। प्रदेश को मेडिकल व आर्थिक आवश्यकताएं हैं। इसके बावजूद भाजपा सांसदों का लोकसभा में एक भी प्रश्न ना पूछना पीड़ादायक है। उन्होने भाजपा सांसदों से कहा की संसद में प्रश्न नहीं पूछने कि एक अक्षम्य गलती आप कर चुके हैं, अब कम से कम प्रधानमंत्री जी को पत्र ही लिखकर प्रदेश की आवश्यकताओ पर ध्यानाकर्षण कर दीजिये। शायद नक्कार खाने में तूती की आवाज सुनायी दे जाये।

बिस्सा ने ध्यानाकर्षण किया कि केंद्र शासन के समक्ष छत्तीसगढ़ के वन, खनिज, आर्थिक आवंटन जैसे अनेक विषय लंबित हैं। जिन पर भाजपा सांसदों को केंद्र सरकार के समक्ष मुखरता से छत्तीसगढ़ का पक्ष रखना चाहिए, ताकि प्रदेश का विकास हो सके।

बिस्सा में भाजपा सांसदों की संसदीय सक्रियता पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए उनसे पूछा है कि जब आपको लोकसभा में कोई प्रश्न पूछना ही नहीं है। छत्तीसगढ़ के हित की किसी भी बात को केंद्र के समक्ष उठाना ही नहीं है तो आप चुनाव जीतकर दिल्ली में कर क्या रहे हैं ? आपके इस मौन का आखिर कारण क्या है?

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