26 हजार से अधिक प्रवासी मजदूरों को 706 केन्द्रों में किया गया है क्वारेंटाईन


बिलासपुर.लाॅकडाउन के बाद अन्य प्रदेशों से आये हुये 26 हजार 698 प्रवासी मजदूर जिले में बनाये गये 706 क्वारेंटाईन सेंटरों में अपनी क्वारेंटाईन अवधि पूरी कर रहे हैं। वर्तमान में नगरीय क्षेत्रों के 33 क्वारेंटाईन सेंटरों में 1338 प्रवासी और ग्रामीण क्षेत्रों के 673 सेंटरों में 25 हजार 360 प्रवासी क्वारेंटाईन हैं। इन मजदूरों को क्वारेंटाईन सेंटरों में गर्म नाश्ता, भोजन और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य का भी खयाल रखा जा रहा है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये छत्तीसगढ़ राज्य के बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों एवं अन्य प्रवासी लोगों को 14 दिन क्वारेंटाईन में रहना आवश्यक है। इसके लिये जिला प्रशासन द्वारा जिले में 1226 क्वारेंटाईन सेंटर बनाए गए हैं। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के 1180 और शहरी क्षेत्र के 46 सेंटर शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत बिल्हा तहसील में 153 क्वारेंटाईन सेंटर बनाए गए हैं। वर्तमान में 79 सेंटरों में 3530 श्रमिक रखे गये हैं। बिलासपुर तहसील में बनाये गये 134 सेंटर में से 41 सेंटरों में 1775 श्रमिक क्वारंटीन है। कोटा तहसील में 185 क्वारेंटाईन सेंटर बनाए गए हैं। यहां 83 सेंटरों में 2246 श्रमिक क्वारंटीन हैं। मस्तूरी तहसील में 549 क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं। यहां वर्तमान में 334 सेंटरों में 14000 श्रमिक क्वारंटीन हैं। नगरीय क्षेत्र अंतर्गत नगर निगम बिलासपुर में 18 क्वारेंटाईन सेंटर बनाए गए हैं। वर्तमान में 15 सेंटरों में 360 श्रमिक क्वारेंटाईन हैं। नगर पंचायत तखतपुर में 3 क्वारंटीन सेंटर है, जिसमें 2 सेंटर में 95 श्रमिक क्वारंटीन है। नगर पंचायत रतनपुर में 5 क्वारेंटाईन सेंटर बनाए गए हैं, जिनमें 3 सेंटरों में 254 श्रमिक रखे गये हैं। नगर पंचायत कोटा में बनाए गए 5 क्वारंटीन सेंटर में से 3 सेंटरों में 85 श्रमिक क्वारंटीन हैं। नगर पंचायत बोदरी के 5 क्वारंटीन सेंटर में से 3 सेंटर में 22 श्रमिक क्वारंटीन है। नगर पंचायत बिल्हा में 7 क्वारंटीन सेंटर हैं, जिसमें वर्तमान में 4 सेंटरों में 121 श्रमिक क्वारंटीन हैं तथा नगर पंचायत मल्हार में बनाये गये 3 क्वारंटीन सेंटर में 401 श्रमिक क्वारंटीन है। जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक क्वारंटीन सेंटर में निगरानी समिति बनाई गई है। नगरीय क्षेत्रों के क्वारंटीन सेंटरों मंे बनाये गये निगरानी समिति में संबंधित नगरीय निकाय के कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एसपीओ (विशेष पुलिस आॅफिसर) शामिल किए गए हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के क्वारंटीन सेंटरों में ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एसपीओ निगरानी समितियों में शामिल हैं। प्रत्येक सेंटर में प्रतिदिन स्वास्थ्य कार्यकर्ता और नर्स सुबह-शाम आकर मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं और जरूरत अनुसार उनकी चिकित्सा कर रहे हैं। मध्यान्ह भोजन बनाने वाले महिला स्व-सहायता समूहों को क्वारंटीन सेंटरों में भोजन एवं नाश्ता बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनके द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भोजन एवं नाश्ता दिया जा रहा है। साथ ही स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था भी सभी क्वारंटीन सेंटरों में की गई है।

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