अभी दो-तीन महीने और रह सकता है टिड्डियों का आतंक, भारत ने पाकिस्तान से नियंत्रण करने को कहा


नई दिल्ली. देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश को फ़िलहाल टिड्डियों के हमले से मुक्ति मिलने की संभावना नहीं है लेकिन सरकार ने इनसे निपटने की पूरी तैयारी कर रखी है. एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए तोमर ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले इस साल ज़्यादा तादाद में टिड्डियों का दल पाकिस्तान से भारत आया है लिहाज़ा इनका जल्दी ख़त्म होना मुश्किल है. हालांकि कृषि मंत्री ने ये ज़रूर कहा कि इस वक़्त खेतों में कोई प्रमुख फ़सल नहीं लगी हुई है लिहाज़ा फसलों को ज़्यादा नुकसान की खबर नहीं है लेकिन राज्य सरकारें नुकसान का आकलन कर रही हैं.

तोमर ने कहा कि पिछले साल इन टिड्डियों का प्रजनन ईरान में हुआ था. उसके बाद पाकिस्तान के रास्ते वे भारत में घुसे थे जिससे उनकी संख्या कम थी और केवल राजस्थान और गुजरात के सरहदी इलाकों में ही उनपर काबू पा लिया गया था. तोमर ने बताया कि इस साल टिड्डियों का प्रजनन भारत में राजस्थान से सटे पाकिस्तान के सरहदी इलाकों में हुआ है जिससे न सिर्फ़ उनकी तादाद ज़्यादा है बल्कि वो भारत के अंदरूनी इलाकों तक भी पहुंच पा रहे हैं. ऐसे में टिड्डियों का दल फिलहाल राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के कई जिलों के साथ साथ उत्तर प्रदेश और पंजाब के चुनिंदा जिलों तक पहुंच गया है और अगर हवा का रुख़ माकूल रहा तो ये बिहार और ओडिशा तक भी पहुंच सकता है. यहां तक कि इसके दिल्ली पहुंचने की आशंका भी जताई जाने लगी थी.

बताया कि भारत की ओर से पाकिस्तान को कहा गया है कि वो अपने इलाके में टिड्डियों पर काबू पाने के लिए कदम उठाए. कृषि मंत्रालय की तकनीकी टीम ने भारत की ओर से पाकिस्तानी तकनीकी टीम को टिड्डियों पर काबू करने का तरीका सुझाया है.

नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि टिड्डियों को ख़त्म करने के लिए कीटनाशक के छिड़काव का काम लगातार जारी है. उनके मुताबिक़ दो तरह के कीटनाशकों का छिड़काव किया जाता है. एक कीटनाशक थोड़ा कम प्रभावी होता है और उसका दुष्प्रभाव मनुष्यों पर नहीं पड़ता. जबकि दूसरा कीटनाशक प्रभावी तो काफ़ी ज़्यादा होता है लेकिन इससे मनुष्यों को भी नुकसान हो सकता है.

इन कीटनाशकों का छिड़काव केंद्र सरकार के विशेषज्ञ ही करते हैं और ऐसे 200 विशषज्ञों को काम पर लगाया गया है. कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन की भी मदद ली जा रही है और जल्दी ही इस काम में हेलीकॉटर भी इस्तेमाल किए जाएंगे. हेलीकॉप्टर से छिड़काव के लिए जिन मशीनों की ज़रूरत पड़ती है वो जून के दूसरे हफ़्ते से भारत पहुंचने लगेंगे. तोमर ने बताया कि दुनिया भर में लॉकडाउन के चलते मशीनों के भारत आने में थोड़ी देरी हुई है.

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!