गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, मरकज में शामिल विदेशी नागरिकों को 10 साल के लिए किया ब्लैकलिस्ट


नई दिल्ली. निजामुद्दीन मरकज (Nizamuddin Markaz) मामले में गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है. मंत्रालय ने दिल्ली मरकज में हुए तबलीगी जमात (Tablighi Jamat) के कार्यक्रम में शामिल होने वाले विदेशी नागरिकों को 10 साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है. जानकारी के मुताबिक 960 से ज्यादा विदेशी नागरिकों को ब्लैकलिस्ट किया गया है. बताया जा रहा है कि ये संख्या 2000 तक जा सकती है.

इससे पहले 2 अप्रैल को सरकार ने वीजा शर्तों का उल्लंघन कर तबलीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने के कारण 960 विदेशियों के नाम ब्लैकलिस्ट किए थे. गृह मंत्रालय के कार्यालय ने दिल्ली पुलिस और अन्य राज्यों के पुलिस प्रमुखों को विदेशी कानून और आपदा प्रबंधन कानून के तहत इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा था. अब बड़ा फैसला लेते हुए इन सभी 960 विदेशी जमातियों को 10 साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है.

इधर, दिल्ली दंगों में मरकज कनेक्शन सामने आने से हड़कंप मच गया है. दिल्ली दंगों के आरोपी का नजदीकी मौलाना साद का बेहद करीबी निकला है. जांच में पता चला है कि दंगों के दौरान भी दोनों लगातार संपर्क में थे. मौलाना साद का बेहद करीबी अब्दुल अलीम ब्रिजपुरी में राजधानी स्कूल में हुए दंगों के मुख्य आरोपी फैजल फारुखी से संपर्क में था. अब्दुल अलीम जो जाकिर नगर ओखला पश्चिम का रहने वाला है, मरकज प्रमुख मौलाना साद का करीबी है.

बता दें कि मौलाना साद ने कोरोना संकट के बीच हजरत निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम का आयोजन किया था. जिसके बाद उस पर कार्रवाई हुई. यहां बड़ी संख्या में भारतीय और विदेशी मुसलमान पहुंचे थे और उन्होंने तब्लीगी जमात कार्यक्रम में​ हिस्सा लिया. इसमें मौलाना के साथ अब्दुल अलीम भी था. जिसने इस धार्मिक जलसे का आयोजन किया. यहां सोशल डिस्टेंसिंग का कोई पालन नहीं किया गया और ये कोरोना वायरस के फैलने की बड़ी वजह भी बना.

क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला है कि अब्दुल अलीम लगातार दंगों के आरोपी फैजल फारूख के भी संपर्क में था. दिल्ली में हिंसा के दौरान भी दोनों की बीच बातचीत हुई. आरोपी फैजल का राजधानी स्कूल में हुए दंगे में अहम रोल रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि अब्दुल अलीम चूंकि तबलीगी जमात में काफी अच्छी पोजिशन पर था. इसलिए उसने फैजल की दंगों के समय मदद की. इस मामले में आगे की जांच अभी जारी है.

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!