पाकिस्तान जाने वाला पानी जल्द रोकने में सफल होंगे, प्रोजेक्ट पर काम जारी : गडकरी


नई दिल्ली. केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि पाकिस्तान को जाने वाले पानी को रोकने की परियोजना पर काम चल रहा है, और उसमें वे कामयाब होंगे. उन्होंने कहा कि उसके बाद यह पानी राजस्थान, पंजाब और हरियाणा को मिलेगा.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को मध्य प्रदेश की वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी जी ने नदी जोड़ो परियोजना पर जोर दिया था, जिस पर मोदी सरकार तेज गति से काम कर रही है. गडकरी ने कहा, मैं जब वाटर रिसोर्सेज मंत्री था, तब 1970 से नौ प्रोजेक्ट लटके हुए थे. पंजाब, यूपी, हरियाणा आदि राज्य आपस में झगड़ रहे थे, जिसका फायदा पाकिस्तान को मिल रहा था। हमने नौ में से सात प्रोजेक्ट पूरी तरह सुलझा. समझौते के दौरान तीन-तीन नदियां भारत और पाकिस्तान को मिलीं थीं लेकिन भारत की नदियों का पानी पाकिस्तान को जा रहा था.

नितिन गडकरी ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने मुझसे कहा था कि किसी भी तरह से पानी का मामला सुलझाओ.  मैंने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों को बुलाकर विवाद खत्म कराए और सात प्रोजेक्ट शुरू हुए. इससे हम पाकिस्तान को जाने वाले पानी रोकने में कामयाब होंगे. यह पानी राजस्थान, हरियाणा और पंजाब को मिलेगा.

गडकरी ने कहा कि “कांग्रेस जो काम 55-60 सालों में नहीं कर पाई, वह पांच साल में मोदी सरकार ने करके दिखाया. 1947 के बाद देश में तीन विचारधाराओं के आधार पर पार्टियां उभरीं. समाजवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद की विचारधारा का उदय हुआ. प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के चिंतन पर रसिया के कम्युनिज्म मॉडल का प्रभाव था. उन्होंने रसियन मॉडल चुना. 1947 के बाद 55 सालों में कांग्रेस ने जो नीतियां अपनाई थीं, उससे देश का विकास नहीं हो सका। आज समाजवादी भी कहीं नहीं दिखते हैं. साम्यवादी कहने वाले चीन और रूस की हालत ऐसी है कि वहां केवल लाल झंडा दिखता है, कम्युनिस्ट नहीं दिखते.”

बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि “चीन ने भी साम्यवादी विचारधारा को छोड़कर पूंजीवादी विचारधारा अपनाकर विकास की नींव रखी. दुनिया में साम्यवाद, समाजवाद और पूंजीवादी तीन मॉडल समाप्त हुए हैं. पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने भारतीय जनसंघ के रूप में जो सामाजिक आर्थिक चिंतन दिया था, जिसमें गरीब को केंद्रबिंदु मानकर उनकी प्रगति की संकल्पना है, उसे हमने स्वीकार किया. हमने आधुनिक और पाश्चात्य विचारधारा में आधुनिक विचारधारा को चुना.”

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