अब स्पष्ट है कि झीरम की साजिश की जांच से भाजपा क्यों डरती है : शैलेश नितिन त्रिवेदी

रायपुर. भाजपा के जिला उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक का पुत्र जगत पुजारी के विगत 10 वर्षों से माओवादियों को सप्लाई पहुंचाने के खुलासे पर प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अब स्पष्ट हो गया है कि झीरम की साजिश की जांच से भाजपा क्यों डरती है।  माओवादियों के मददगार भाजपा के जिला उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक के पुत्र जगत पुजारी की गिरफ्तारी सिर्फ उस आग का धुंआ मात्र है जो 15 वर्षों के भाजपा शासनकाल में सुलगती रही।
प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा के जिला उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक के पुत्र का माओवादियों के मददगार के रूप में 10 साल से काम करने की घटना उजागर होने से स्पष्ट  हो गया है कि भाजपा की रमन सिंह सरकार के 15 साल के शासनकाल में माओवाद कैसे क्यों और किस की मदद से फला फूला ? 2003 में जब भाजपा की रमन सिंह सरकार ने शासन संभाला था उस समय दक्षिण बस्तर के 3 ब्लाकों तक सीमित माओवाद ने भाजपा के 15 साल के शासनकाल में बढ़ते बढ़ते प्रदेश के 14 जिलों को अपनी गिरफ्त में ले लिया। भाजपा के भ्रष्टाचार कमीशन खोरी और कुशासन को माओवाद का विस्तार बहुत सूट करता था। 15 साल तक दिखावे के लिए माओवाद का विरोध और अंदर अंदर माओवाद को सहयोग अब पूरी तरह से बेनकाब हो गया है।
प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि झीरम की घटना को लेकर कांग्रेस ने बार-बार कहा है कि झीरम कांड की साजिश में किसकी भूमिका थी यह पता किया जाये। 25 मई 2013 को राजभवन में दिए गए ज्ञापन से लेकर सड़क से सदन तक कांग्रेस ने लगातार झीरम की घटना के आपराधिक राजनैतिक षड्यंत्र की जांच की मांग की है। पहले भाजपा की राज्य सरकार  और उसके बाद भाजपा की केंद्र सरकार भी झीरम की जांच को बाधित करने में लगी रही।
प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मई 2014 में भाजपा के उस समय के प्रधानमंत्री पद के घोषित प्रत्याशी और वर्तमान में विगत 6 वर्षों से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धमतरी की आमसभा में छत्तीसगढ़ की जनता से वादा किया था कि उनकी सरकार बनने के बाद वह झीरम की घटना की साजिश की समुचित जांच कराएंगे और अपराधियों को सजा दी जाएगी । मोदी जी के अन्य वादों की तरह यह वादा भी अभी तक अधूरा है।

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