मांगलिक कार्य बंद होने से बैंड वालों के सामने भूखे मरने की नौबत, कलेक्टर से लगाई मदद की गुहार
बिलासपुर. कोरोनावायरस कोविड-19 के संक्रमण के खतरे को देखते हुए पूरे देश की तरह छत्तीसगढ़ एवं बिलासपुर में भी 24 मार्च की रात से चल रहे लॉक डाउन के कारण सभी प्रकार की व्यवसायिक,सामाजिक एवं धार्मिक गतिविधियों और आयोजनों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया था। तब से 3 माह होने जा रहे हैं, देश में शादी-ब्याह, सभा-समारोह, प्रदर्शन और रैलियों तथा सभी प्रकार के कार्यक्रमों-आयोजनों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके कारण बिलासपुर शहर और प्रदेश के बैंड एवं डिस्को लाइट का व्यवसाय करने वाले व्यवसाई तथा उनके अधीनस्थ रोजी रोटी कमा कर अपने परिवार का पालन करने वाले लगभग 16000 परिवारों के सामने दो वक्त की रोजी रोटी या कहें दाल-भात का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो गया है। सभी तरह के मांगलिक कार्य बंद होने से और बारात निकालने तथा किसी भी प्रकार के आयोजन की अभी भी अनुमति नहीं मिलने से बैंड एवं डिस्को लाइट वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। आज इस व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपकर उसमें अपनी बदहाली का जिक्र किया है। इस ज्ञापन में मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि वे इस संकटकाल से बचाने के लिए उन्हें आर्थिक मदद करने तथा सहायता पहुंचाने की ठोस व्यवस्था करें। ऐसा नहीं करने पर इस -रोटी कमाने वाले 16000 से भी अधिक कलाकार तथा श्रमिक व उनका परिवार बीते तीन मांह की तरह आने वाले दिनों में भी भूखों मरने पर मजबूर होंगे।