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अनाधिकृत अनुपस्थिति – आरक्षक रमेश चंद्र रावत के विरूद्ध विभागीय जांच : आर 750 रमेश चंद्र रावत 16 दिसम्बर 1994 को आरक्षक पद पर जिला बिलासपुर में नियुक्त हुआ था। उक्त आरक्षक रक्षित केन्द्र, बिलासपुर में पदस्थापना के दौरान 19 अप्रेल 2009 को बिना सूचना के अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित हो गया। आज दिनांक तक उसके द्वारा न ही किसी प्रकार की सूचना विभाग को भेजी गई है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय बिलासपुर द्वारा इस प्रकार लगातार 11 वर्ष से अधिक समय से अनाधिकृत रूप से कर्तव्य पर अनुपस्थिति के दौरान कर्तव्य पर उपस्थित होने हेतु अनेकों बार आरक्षक 750 रमेश चंद्र रावत को नोटिस जारी की गई है। कर्तव्य पर उपस्थित होने हेतु अंतिम अवसर देते हुये 11 जून 2016 को पुनः नोटिस जारी किया गया। उसके गृह ग्राम भी विशेष वाहक भेजा गया, लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस अधीक्षक द्वारा उक्त कृत्यों के कारण आरक्षक 750 रमेश चंद्र रावत के विरूद्ध विभागीय जांच के लिए आदेश दिये गये हैं।

शिशु संरक्षण माह 14 जुलाई से, गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा 21 जुलाई तक :  जिले में शिशु संरक्षण माह 14 जुलाई से 14 अगस्त तक मनाया जाएगा। कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए विभिन्न गतिविधियां इस दौरान आयोजित की जाएगी। शिशु संरक्षण माह के दौरान मंगलवार 14 जुलाई, 21 जुलाई, 28 जुलाई, 4 अगस्त और 11 अगस्त तथा शुक्रवार 17 जुलाई, 24 जुलाई, 31 जुलाई, 7 अगस्त और 14 अगस्त को प्रातः 9 बजे से शाम 4 बजे तक विभिन्न अस्पतालों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में गतिविधियां आयोजित की जाएगी। जिसमें विटामिन ए का घोल पिलाया जाएगा नियमित टीकाकरण किये जायेगें, आयरन सिरप का वितरण किया जाएगा, ए.एन.सी चेकअप किया जाएगा, बच्चों के वजन लिये जायेगें और अति गंभीर बच्चों की पहचान कर उन्हें नजदीक के एन.आर.सी में इलाज कराने के लिए अभिभावकों को सुझाव दिया जाएगा और बच्चों को वहां भेजा जाएगा।
गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा 21 जुलाई तक : जिले में 21 जुलाई तक गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जाएगा। जिसमें ग्राम मोहल्ला और वार्ड स्तर पर जिलों से 5 वर्ष के शिशुओं की सूची तैयार की जाएगी। कुपोषित बच्चों की पहचान, डायरिया के साथ अन्य बिमारियों की पहचान, एवं निदान एवं उपचार तथा गंभीर निर्जलीयकरण के लक्षण होने पर शीघ्र उपचार ओ.आर.एस के पैकेट वितरण करना और घोल बनाने तथा उसके उपयोग करने हेतू शिक्षित करना,  शिशु पोषण एवं आहार-व्यवहार पर गर्भवती एवं शिशुवती माताओं की काउंसलिंग, ओ.आर.एस के साथ जिंक की गोली उपयोग हेतु प्रोत्साहन आदि गतिविधियां संचालित की जाएगी। पखवाड़े के दौरान पंचायत प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। स्वास्थ सेवा प्रदाताओं का प्रशिक्षण, स्कूलों में हाथ धोने की विधि का प्रशिक्षण और जलजनित बिमारी पर चर्चा, वाद विवाद एवं अन्य गतिविधियां आयोजित की जाएगी। जिसकी मानिटरिंग के लिए जिला एवं विकासखंड स्तर पर दल गठित किये जाएगें। अभिभावकों से आग्रह किया गया है कि वे 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को कुपोषण, रंतौधी, रक्त अल्पता तथा अन्य बिमारी से बचाने के लिए अपने बच्चों को नजदीक के शासकीय अस्पताल पर ले जाकर टीकाकरण, विटामिन ए, आयरन सिरप अवश्य पिलाएं।
 गौण खनिज नियम 2015 में संशोधन :  छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गौण खनिज नियम 2015 में संशोधन किया गया है। इस संशोधन से, ऐसे उत्खनिपट्टेधारी जिन्होंने पूर्व निर्धारित समय में प्रथम स्वीकृति दिनांक से 30 वर्ष के लिये उत्खनिपट्टा का विस्तार नहीं करा पाया है। उन्हें अवधि विस्तार करने का एक अवसर मिल गया है। साथ ही निर्माण कार्यों में पूर्व स्वीकृत एवं संचालित उत्खनिपट्टों से ही खनिज प्राप्त कर निर्माण कार्यों में उपयोग का रास्ता आसान हो गया है। इससे पट्टाधारियों को सीधे लाभ मिलेगा। उप संचालक खनिज प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार गौण खनिज नियम 2015 में संशोधन किया गया है। संशोधन में पूर्व से स्वीकृत उत्खनिपट्टों में अवधि बढ़ाते हुए समय सीमा 31 दिसम्बर 2020 तक कर दी गई है। पूर्व में 2 वर्ष की समय सीमा रखी गई थी। ऐसे पट्टाधारी जिनकी 30 वर्ष की समयावधि समाप्त हो रही है, उन्हें पट्टा क्षेत्र में खनिज उपलब्ध होने पर शासन द्वारा निर्धारित प्रीमियम राशि की भुगतान के शर्त पर अधिकतम 5 वर्ष की अवधि हेतु पट्टे के लिये पूर्व निर्धारित शर्तों के साथ केवल एक बार के लिये पट्टे की समयावधि में विस्तार किया जा सकेगा। शासकीय भूमि के मामलों में उत्खनन पट्टा स्वीकृति के लिये ई-नीलामी, ई-निविदा प्रक्रिया से अधिमानी बोलीदार का चयन किया जाएगा, लेकिन निजी भूमि के मामलों में शासन द्वारा निर्धारित दर पर आवेदक से प्रीमियम राशि लेकर स्वीकृति का प्रावधान किया गया है। ई-नीलामी, ई-निविदा प्रक्रिया से स्वीकृत उत्खनिपट्टा में पट्टेदारों से ली जा रही प्रीमियम की राशि में प्रतिवर्ष वृद्धि का प्रावधान है। गौण खनिजों में पट्टेदारों की मृत्यु उपरांत उनके विधिक वारिसान को पट्टा अंतरित किया जाएगा। जिन क्षेत्रों में गौण खनिजों के 10-12 खदानें समूह में संचालित है, वहां से 25 किलोमीटर की परिधि तक एवं जहां 20 से अधिक खदानें समूह में संचालित हैं, वहां से 50 किलोमीटर की परिधि में अनुज्ञा पत्र स्वीकृत नहीं किये जायेंगे। गौण खनिजों के अवैध परिवहन एवं उत्खनन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने हेतु गौण खनिज नियम 71 में व्यापक संशोधन करते हुए इसमें खान एवं खनिज अधिनियम 1957 की धारा 21 से 23 ख के प्रावधानों के तहत प्रकरण दर्ज किये जायेंगे। प्रावधानों के तहत ही किसी व्यक्ति के द्वारा खनिज का परिवहन एवं भंडारण करना अथवा करवाना अनिवार्य है। इनका उल्लंघन किये जाने पर न्यायालय द्वारा 5 वर्ष का कारावास या 5 लाख रूपये जुर्माना अथवा दोनों किये जाने का प्रावधान है। वर्तमान में यह केवल मुख्य खनिजों जैसे कोयला, आयरनओर, बाॅक्साईट जैसे खनिज पर ही लागू था, अब इसे गौण खनिजों के मामलों में भी लागू कर दिया गया है। विभिन्न विभागों के द्वारा करवाये जा रहे निर्माण कार्यों में उपयोगी खनिज की वैधता खनिज विभाग से प्रमाणित करने के बाद, रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र प्राप्त कर संबंधित विभाग को जमा करने के पश्चात ही ठेकेदारों को उनके अंतिम बिलों का भुगतान करने के निर्देश दिये गये हैं।
 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका हेतु आवेदन 15 जुलाई तक :  एकीकृत बाल विकास परियोजना बिल्हा के ग्राम भैसबोड़ केन्द्र नंबर 01 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद, ग्राम मोहतरा केन्द्र नंबर 03 आंगनबाड़ी सहायिका एवं ग्राम निपनिया केन्द्र क्रमांक 01 आंगनबाड़ी सहायिका पद हेतु पूर्व में 11 मार्च 2020 से 31 मार्च 2020 तक आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये थे, किन्तु कोविड-19 लाॅकडाउन होने के कारण आवेदन पुनः आमंत्रित की गई है, जिसकी अंतिम तिथि 15 जुलाई 2020 निर्धारित है। इच्छुक आवेदिका अपना आवेदन परियोजना कार्यालय बिल्हा में जमा कर सकते हैं या सीधे पंजीकृत डाक से प्रेषित कर सकते हैं। जो आवेदक पूर्व में आवेदन जमा कर चुके है, उन्हें पुनः आवेदन जमा करने की आवश्यकता नहीं है।
 हरदीप सिंह खनूजा की गिरफ्तारी हेतु की गई पुरस्कार की उद्घोषणा निरस्त :  सिरगिट्टी नगर पंचायत वार्ड क्रमांक 5 के विभिन्न अपराधों में फरार आरोपी 40 वर्षीय हरदीप सिंह खनूजा पिता कल्याण सिंह खनूजा की गिरफ्तारी हेतु पुलिस अधीक्षक द्वारा 10 हजार रूपये पुरस्कार की उद्घोषण की गई थी। जिसे माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर द्वारा पारित निर्णय के परिपालन में निरस्त की गई है।
 बिलासपुर जिले में अब तक 317.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज :  बिलासपुर जिले में 1 जून से आज तक 317.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई। अधीक्षक भू-अभिलेख बिलासपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार बिलासपुर तहसील में 282.2 मि.मी., बिल्हा में 315.1 मि.मी., मस्तूरी में 292.2 मि.मी., तखतपुर में 382.1 मि.मी., कोटा तहसील में 314.8 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई है।

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