बार काउंसिल की ओर से 1000 और वकीलों को दी जाएगी मदद
बिलासपुर. लॉकडाउन के दौरान काम ठप रहने से छत्तीसगढ़ में भी वकीलों की हालत खराब है। स्टेट बार काउंसिल की ओर से पूर्व में 1400 से ज्यादा वकीलों को सहायता राशि दी जा चुकी है। अब एक हजार और वकीलों को मदद दी जा रही है। लॉक डाउन में निचले कोर्ट बन्द हैं, वही हाईकोर्ट में भी सीमित काम हो रहा है। इससे खासतौर पर जूनियर वकीलों के समक्ष आर्थिक संकट हो रहा है। काम ठप होने पर बार कौंसिल ने जरूरतमंद वकीलों की मदद की घोषणा की तो आर्थिक मदद के लिए लगभग ढाई हजार आवेदन मिले। प्रदेश में वकीलों की संख्या 28 हजार है। मदद के आवेदनों की संख्या अभी और बढ़ने का अनुमान है। बार कौंसिल के कोषाध्यक्ष अब्दुल वहाब खान ने बताया कि पहली किस्त में 1089 वकीलों को तीन तीन हजार रुपए की मदद दी गई थी। दूसरी क़िस्त में 332 वकीलों को इतनी ही मदद दी गई। यह मदद बार कौंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मिले 45 लाख के फंड से दी गई है। बाकी एक हजार वकीलों को भी अब 3-3 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। बार कौंसिल की सामान्य निधि से मदद दी जाएगी। कोषाध्यक्ष ने बताया कि राज्य शासन से भी मदद की जरूरत है ताकि जरूरत के अनुसार वकीलों की और मदद की जा सके। लेकिन राज्य शासन की ओर से अब तक कोई मदद नहीं की गई जबकि प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है।
हाईकोर्ट ने भी दिया है आदेश
इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक जनहित भी दायर की जा चुकी है। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए ट्रस्टी कमेटी को बैठक करने और राज्य शासन को मदद करने का आदेश दिया है।