धोनी के नाम है वनडे क्रिकेट का ये शानदार वर्ल्ड रिकॉर्ड, संगकारा भी लिस्ट में शामिल


नई दिल्ली. ये बात तो हम सभी जानते हैं कि क्रिकेट के मैदान पर एक विकेटकीपर कितनी अहम भूमिका निभाता है. एक अच्छा विकेटकीपर अपनी चपलता से कई बार मैच की पूरी काया ही बदल देता है. वैसे शानदार विकेटकीपिंग क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में बेहद ही अहम है. अब तक क्रिकेट की दुनिया में बहुत से लाजवाब विकेटकीपर्स हुए हैं, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से कई बार देखते ही देखते कमाल कर दिखाया है. वहीं विकेटकीपिंग में जो सबसे ज्यादा मुश्किल काम होता है वो है स्टंपिंग करना, जिसके लिए एक विकेटकीपर को तेज निगाह और फुर्ती की जरुरत होती है. इसीलिए आज हम आपको अपनी इस स्टोरी में वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा स्टंपिंग करने वाले 3 शानदार विकेटकीपर्स के बारे में बताने वाले हैं. हैरानी की बात है कि इस लिस्ट में दिग्गज विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट (Adam Gilchrist) का नाम शामिल नहीं है.

महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni)
इस नाम के बिना ये लिस्ट बिल्कुल अधूरी रह जाती. टीम इंडिया के पूर्व कैप्टन एमएस धोनी ने ना सिर्फ बल्लेबाजी में कमाल दिखाया बल्कि विकेटकीपिंग में भी धमाल किया है. धोनी पलक झपकते ही स्टंपिंग करने के लिए मशहूर हैं. धोनी ने अपने अब तक के करियर में 350 वनडे मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 345 पारियों में 444 शिकार किए हैं. आपको बता दें कि कैप्टन कूल ने 321 कैच पकड़े हैं और 123 बार स्टंपिंग की है. इसी के साथ धोनी 100 से ज्यादा स्टंपिंग करने वाले दुनिया के इकलौते विकेटकीपर हैं, जो अपने आप में एक शानदार रिकॉर्ड है.

कुमार संगकारा (Kumar Sangakkara)
श्रीलंका के पूर्व कैप्टन कुमार संगकारा को चोटी का विकेटकीपर माना जाता था. संगकारा विकेट के पीछे से शिकार करने के लिए खूब मशहूर थे. जहां एक तरफ संगकारा ने बल्लेबाजी में कई रिकॉर्ड बनाए तो वहीं विकेट के पीछे भी उनका खेल बेहद खूबसूरत था. उन्होंने अपने वनडे करियर में 404 वनडे मैच खेले जिनमें उन्होंने 353 पारियों में 482 शिकार किए. इन मैचों में उन्होंने 383 कैच लपके और 99 बार स्टंपिंग की.

रोमेश कालूवितरणा (Romesh Kaluwitharana)
अब बात करते हैं श्रीलंका के एक और प्लेयर रोमेश कालूवितरणा की जो अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे. रोमेश के बारे में कहा जाता है कि उनकी और सनथ जयसूर्या (Sanath Jayasuriya) की ओपनिंग जोड़ी ने वनडे क्रिकेट में ओपनिंग की परिभाषा बिल्कुल बदल कर रख दी थी, क्योंकि दोनों मैदान पर आते ही तूफानी बल्लेबाजी किया करते थे. कालूवितरणा ने 1990 से 2004 तक 189 वनडे मैच खेले, जिनमें उन्होंने 206 बल्लेबाजों का शिकार किया, और 131 कैच पकड़े और 75 स्टंपिंग भी किए.

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