जब ओम पुरी ने बचाई थी नसीरुद्दीन शाह की जान, पढ़ें उनकी जिंदगी से जुड़ी ये 7 बातें
नई दिल्ली. 20 जुलाई 1950 को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जन्मे एक्टर नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) की जिंदगी किसी रोलर कोस्टर से कम नहीं है. फिल्ममेकर्स चाहें तो उनकी जिंदगी के कुछ बेहद रोचक किस्सों को उठाकर अलग-अलग अवॉर्ड विनिंग फिल्में तक बना सकते हैं. 2020 में वे अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर जानिए बॉलीवुड के सीनियर एक्टर नसीरुद्दीन शाह की जिंदगी के कुछ बेहद खास किस्से.
मिला था हैरी पॉटर का ऑफर
फिल्म हैरी पॉटर (Harry Potter) का तो सभी ने नाम सुना होगा! हैरी पॉटर में एल्बस डम्बलडोर का किरदार निभाने वाले एक्टर रिचर्ड हैरिस के निधन के बाद मेकर्स चाहते थे कि इस किरदार को नसीरुद्दीन निभाएं. उन्हें लगता था कि सिर्फ नसीर ही उस किरदार के साथ न्याय कर सकेंगे और इसलिए वे उनका ऑडिशन लेना चाहते थे. हालांकि, नसीर उस रोल को लेकर बहुत उत्साहित नहीं थे और इसलिए उन्होंने ऑडिशन देने से भी इनकार कर दिया था.
दोस्त ने की थी जान लेने की कोशिश
नसीरुद्दीन और ओम पुरी की दोस्ती बहुत गहरी थी. एक बार पुणे के फिल्म इंस्टीट्यूट की कैंटीन में सारे दोस्त बैठे हुए थे, जब उनके एक दोस्त ने नसीर पर हमला कर दिया था. वह बहुत गुस्से में था कि सभी अच्छे किरदार नसीरुद्दीन शाह को ही ऑफर किए जा रहे हैं. उस समय ओम पुरी ने ही तुरंत हॉस्पिटल ले जाकर उनकी जान बचाई थी.
19 साल की उम्र में शादी
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान 19 साल के नसीरुद्दीन को 34 साल की पाकिस्तानी महिला परवीन से प्यार हो गया था. दोनों ने 1969 में शादी भी कर ली थी. उसके बाद नसीरुद्दीन को नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन मिल गया था.. और बस मात्र 10 महीने में ही यह रिश्ता खत्म हो गया था. उन दोनों की ‘हीबा शाह’ नाम की एक बेटी भी है, जिसे कई फिल्मों में देखा जा चुका है.
भाषा नहीं थी बैरियर
हिन्दी सिनेमा में ऐसे कुछ ही एक्टर्स हैं, जो बॉलीवुड के साथ ही रीजनल सिनेमा में भी अपनी कामयाबी के झंडे गाढ़ सके थे. नसीर ने भाषा को कभी अपने टैलेंट के आड़े नहीं आने दिया. नसीरुद्दीन शाह ने हिन्दी फिल्मों के साथ ही तमिल, कन्नड़, बांग्ला, उर्दू और इंग्लिश फिल्म इंडस्ट्री में भी अपना वर्चस्व स्थापित करने की हमेशा पूरी कोशिश की है.
लव लाइफ रही शानदार
नसीरुद्दीन शाह ने एक्ट्रेस रत्ना पाठक शाह (Ratna Pathak Shah) से 1982 में शादी की थी. उससे पहले कई सालों तक वे दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रहे थे. इन दोनों ने मिर्च मसाला और द परफेक्ट मर्डर जैसी फिल्मों में साथ काम किया था. रत्ना भी नसीर की तरह थिएटर करना पसंद करती थीं. इन दोनों के दो बेटे, इमाद और विवान हैं.
फिल्मों के अलावा भी सक्रिय
एक्टर नसीरुद्दीन शाह के अंदर टैलेंट की कोई कमी नहीं है. 100 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके नसीरुद्दीन ने डायरेक्शन में भी हाथ आजमाया है. 2006 में उन्होंने ‘यूं होता तो क्या होता’ नामक फिल्म का निर्देशन किया था. इसमें इरफान खान और कोंकणा सेन शर्मा अहम किरदारों में थे. उन्होंने कई नाटकों का सफल निर्देशन भी किया है. सिर्फ इतना ही नहीं, शाह ने ‘ऐंड देन वन डे’ के नाम से अपनी आत्मकथा भी लिखी है.
इतने अवॉर्ड्स से सम्मानित
कामयाबी की इबारत लिखने वाले नसीरुद्दीन शाह को कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है. कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें 3 बार नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है. नसीरुद्दीन शाह को स्पर्श, सरफरोश, जाने भी दो यारों, ए वेडनसडे और मासूम जैसी फिल्मों से विशेष शोहरत हासिल हुई थीं.