पौधों के संरक्षण से ही सफल होगा वृक्षारोपण अभियान : अंकित गौरहा
बिलासपुर. पेड़ हैं, तो जल है…और जल है तो, जीवन है…और जीवन है तो, सब कुछ है। उक्त बातें पौधारोपण अभियान के दौरान जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने नगोई के परशुराम भवन परिसर में ग्रामीणों के बीच कही। गौरहा ने कहा कि यदि हम आज पेड़ों के महत्व को नहीं समझेंगे। तो बहुत मुश्किल हो जाएगी। और बाद में जब-तक हमें पेड़ों के महत्व की जानकारी होगी। तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। इसलिए हमें आज और अभी से पौधे लगाना ही नहीं बल्कि पौधौ की बच्चों की तरह सेवा भी करनी होगी। इसी दौरान जिला पंचायत के सभापति श्री अंकित गोरहा ने स्थानीय लोगों और सरपंच, व जनपद पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों के साथ सोशल फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए चौपाल भी लगायी।चौपाल में श्री गौरहा ने कहा कि हम हर साल पौधे लगाते हैं। पौधारोपण करते हुए अपनी फोटो भी खिंचवाते हैं..लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात रहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हर साल पौधे लगाने के बाद हम अपने द्वारा लगाए गए पौधों को भूल जाते हैं। हमारी इस उपेक्षा के कारण पौधारोपण के दौरान लगाए गए पौधों में से मुश्किल से दो चार पौधे ही जीवित रह पाते हैं। दरअसल हम आज भी पौधों से अपना मानवीय रिश्ता स्थापित नहीं कर पाए हैं। केवल खानापूर्ति कर रहे हैं। हमें इस दिखावे के पौधारोपण की मानसिकता से बाहर निकलना होगा। और पौधरोपण अभियान को दिल से लेना होगा। श्री गौरहा ने कहा कि हम जितने जल्दी पेड़ों के साथ अपने दिल का रिश्ता स्थापित करेंगे..वह पौधों के लिए और हमारे लिए भी काफी हितकारी होगा। क्योंकि पेड़ हैं… तो जल है…जल है तो हवा है…हवा है तो जीवन है..और जीवन है तो सब कुछ है। लेकिन हम दशकों से पौधरोपण के नाम पर केवल हवाबाजी कर रहे हैं। ऐसी आदतों से छुटकारा पाने की जरूरत है। अन्यथा हरियाली के उजड़ने से मानव और जीव जन्तु खतरे में पढ़ रहे हैं। उन्होने कहा कि पेडों का आर्थिक महत्व भी है। लेकिन आर्थिक महत्व के लालच में ही सही… लोग पौधारोपण करने के साथ बच्चों की तरह पौधों का पालन भी करें। विभिन्न विभागों और आम लोगों के द्वारा कई वर्षों से लेकर आज तक जिस तरह हजारों लाखों की संख्या में पौधे लगाए हैं..इस हिसाब से जिला और प्रदेश में..गांव से लेकर शहर तक जंगल ही जंगल होना चाहिए था। लेकिन ऐसा है नहीं…क्योंकि हमने अभी तक पौधरोपण के नाम पर केवल रस्म-अदायगी ही की है। हमें दिखावे कि इस नाटकबाजी से बाहर आकर पौधा लगाने के साथ खुद के द्वारा लगाए गए पौधों का संरक्षण भी करना होगा। तभी पौधरोपण का अभियान सफल होगा। इस दौरान उपस्थित लोगों को श्री गौरहा ने याद दिलाया कि पौधों पर सरकार करोड़ों रूपयों खर्च करती है। खर्च करने का कुछ उद्देश्य होगा। उसका कुछ लाभ हरियाली के रुप मे हमको मिलना भी चाहिए। सबको इन उद्देश्यों के मर्म को समझने की जरूरत है। हमें जितना जल्दी यह समझ में आ जाए..उतना ही हमारे लिए बेहतर होगा। श्री गौरहा ने पौधारोपण के लिए पहुंचे लोगों की ओर मुखातिब होते हुए कहा…मुझे पूरी उम्मीद है कि एक साल बाद जब दुबारा,मै यहा आउंगा तो उम्मीद करता हूं कि आज के पौधारोपण कार्यक्रम में आपके, हमारे द्वारा लगाए गए सभी पौधे युवा हो चुके होंगे। श्री गौरहा के यह कहने पर सभी वहां मौजूद सभी लोगों ने संकल्प लिया कि वे पौधरोपण के साथ- साथ पौधों का पालन करने और उनकी सुरक्षा करने का भी काम बखूबी निभाएंगे। तब गौरहा ने सभी को इसके लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी के साथ हुए इस गरिमामयकार्यक्रम में जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा के अलावा, सरपंच गंगोत्री बुधनाथ पैगौर.जनपद पंचायत सदस्य नंदनी डोंगरे,गुलाब शास्त्री, जानकी प्रसाद शास्त्री,नवीन शास्त्री,नवदीप शास्त्री,देवेन्द्र शास्त्री,सचिव नीलम दुबे,रोजगार सहायक शत्रुहन टैगोर,सचिन धीवर, मनीष सेंगर,हितेश धीवर सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।