चीन की चालाकी, ‘चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने टेक कंपनियों को दी डाटा जुटाने की इजाजत’


नई दिल्ली. WION ग्लोबल समिट में बुधवार को थॉट लीडर्स के साथ ‘डिकोडिंग चाइना’ में टेक्नोलॉजी के जरिए चीन (China) की सुपरपॉवर बनने की तमन्ना की संभावनाओं की छानबीन की गई. समिट के दौरान विशेषज्ञों ने माना कि 5जी टेक्नोलॉजी के चलते चीन और अमेरिका (USA) के बीच एक रेस शुरू हो गई है. जो भी देश 5जी लागू करने में पहल कर देगा वो भविष्य की तकनीकों की लॉन्चिंग में भी बाजी मारेगा.

यूएस सिक्योरिटी काउंसिल के पूर्व सीनियर स्ट्रेटजी डायरेक्टर डॉ. रॉबर्ट स्पेल्डिंग ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी टेक कंपनियों को डाटा जुटाने की और 5जी मार्केट में हावी होने की आशा में उन्हें अपना एल्गोरिदम बनाने की इजाजत देती है. कोरोना वायरस के कहर के चलते कोर टेक्नोलॉजी मार्केट खासतौर पर 5जी पर नियंत्रण रखने का चीनी अभियान धीमा पड़ गया है जिसने पूरी दुनिया को उजाड़ दिया है लेकिन ड्रैगन पूरे उत्साह से आगे बढ़ रहा है. दूसरी तरफ 4जी टेक्नोलॉजी के विस्तार में अमेरिका हावी रहा है और ऐसा ही वह 5जी के साथ भी करने की इच्छा रखता है.

यूरेशिया ग्रुप के जियो टेक्नोलॉजी प्रेक्टिस हैड पॉल ट्रिओले ने कहा, ‘अमेरिकी बिजनेस कम्युनिटी में इस बात पर चिंता है कि अमेरिका 5जी टेक्नोलॉजी के मामले में पिछड़ रहा है, चीन इस टेक्नोलॉजी को शुरू करके इनोवेशन में बढ़त बना सकता है.’

5जी नई जेनरेशन की वायरलेस टेक्नोलॉजी है जो पूरी दुनिया में ज्यादा तेज वायरलेस सर्विस और ज्यादा बेहतर नेटवर्क के वायदे के साथ शुरू की जाएगी.

Huawei टेक्नोलॉजी के पूर्व वाइस प्रेसीडेंट सिमोन लैसी ने कहा, ‘अमेरिका को चीन की तरक्की का स्वागत करना चाहिए क्योंकि अमेरिका ने हमेशा अपनी महान उपलब्धियां तभी हासिल की थीं जब उसका एक बड़ा प्रतिद्वंदी था. स्पेस रेस के बारे में सोचिए जो स्पूतनिक ने शुरू की थी.’

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