छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में केंद्र सरकार को 5 इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने चाहिए

भारत में इलेक्ट्रॉनिक के उद्योग बहुत कम है इनका  इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों विस्तार होना चाहिए. मेक इन इंडिया के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक सामानों को हमे भारत में बनने पड़ेगा अब समय को देखते हुए  बदलने जरूरी हो गए. चीन से जो हम आयात करते थे अब उस पर काफी सारी रोक हो गई है इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने के लिए भारत सरकार को राज्य सरकारों के साथ मिलकर 5 प्रदेशों में अब इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने चाहिए जिसमें उनकी प्रयोगशाला और उनके अनुकूल टेक्नीशियन वैज्ञानिक और कामगार मजदूर स्किल डेवलपमेंट प्रशिक्षित लोग  भी मिल सके अगर देखा जाए जो पांच इलेक्ट्रॉनिक हब  बनाने चाहिए। उसमें जो हम अपने देश में भी इलेक्ट्रॉनिक माल का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे एलईडी टीवी एलईडी लाइटिंग एलइडी कंप्लेंट कंप्यूटर हार्डवेयर के कुछ सामान इलेक्ट्रॉनिक्स इलेक्ट्रॉनिक्स मोटर्स इलेक्ट्रॉनिक स्कूटर ,car  इलेक्ट्रॉनिक   के कलपुर्जे व अन्य सामान जो हमारे अवश्य अनुसार हो ऐसे मेक इन इंडिया के लिए साथ ही हम इन इलेक्ट्रॉनिक सामानों को बनाकर विदेशों में  निर्यात कर भी भेज सकते हैं हमारा जो चीन से जो समान आयात करते थे समान इलेक्ट्रॉनिक वह अरबों खरबों मिलियन डॉलर में किया करते थे अब  केंद्रसरकार , राज्यों सरकारों को लगने लगा है कि हमारे यहां भी इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों को बढ़ावा देना चाहिए इसलिए केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों को मिलकर चाहिए कि 5 राज्यों को चुनें  । जहां पर इलेक्ट्रॉनिक हब बनाया जा सके.जिसमें और समुद्री मार्ग व एयरपोर्ट साथ में रेलवे पोर्ट तक पहुंचने के लिए समान को शीघ्र ही भेजा जा सके.  दुर्ग  जिला छत्तीसगढ़ में है छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है मुख्यमंत्री भी छत्तीसगढ़ का विकास के लिए हमेशा और उद्योगों के लिए हमेशा आगे आकर केंद्र से बात करते  रहे हैं इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने के लिए वह भी शीघ्र ही तैयार हो जाएंगे केंद्र और राज्य सरकार मिलकर हब बनाने के लिए बहुत जमीन और बिजली की कोई कमी नहीं है  छत्तीसगढ़ सरकार भी इसको अच्छी तरह इलेक्ट्रॉनिक हब बना सकती है. इसके साथ महाराष्ट्र में अमरावती जिले में भी में इलेक्ट्रॉनिक हब  बनाने मे महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार मिलकर चालू करना चाहिए.  यहां पर मजदूर और विज्ञानिक टेक्नीशियन भी विधान में बहुत है नागपुर में उसे भी काफी इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिवर्सिटी हैं वहां से भी वैज्ञानिकों को  एक ज्वाइंट वेंचर बनाकर शामिल किया जा सकता है जिससे इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने में महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना और एनसीपी और कांग्रेस की सरकार है मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी विदर्भ के विकास के  इलेक्ट्रॉनिक हब  बनाने के लिए केंद्र से बात करनी सकती है केंद्र सरकार से मदद मिलेगी अमरावती जिले में लोगों को रोजगार भी बहुत मिल जाएगा यहां से मुंबई और चेन्नई कुछ भेज जा सकता है समुद्री मार्ग पर पहुंचा जा सकता है और रेलवे द्वारा भी और एयरपोर्ट द्वारा भी. आंध्रा में जगन मोहन रेड्डी की सरकार है उसको भी विकास करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने के लिए केंद्र सरकार से साथ मिलकर बात कर सकते हैं केंद्र को इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने के लिए योजना शीघ्र तैयार करनी चाहिए. विशाखापट्टनम की दूरी बहुत ही कम और कुछ ही घंटों में है इसके साथ आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती में भी इलेक्ट्रॉनिक हब बनाया जा सकता है यहां से विशाखापट्टनम बहुत ही नजदीक है.  यहां एयरपोर्ट भी बहुत अच्छा है. उत्तर प्रदेश  सरकार योगी जी की सरकार है वह भी अपने युवकों को और अपने लोगों को रोजगार देने के लिए सदा ही आगे रही है झांसी  बुंदेलखंड के लिए उनके लिए एक पहल होगी यहां पर इलेक्ट्रॉनिक हब लगाने के लिए उत्तर प्रदेश में झांसी एक मध्य भारत के से सटार्ट होता है जिला झांसी झांसी लखनऊ का कुछ घण्टों में पहुंचा जा सकता है यहां भी  भोपाल एयरपोर्ट है साथ में रेलवे का भी पूरी सुविधाएं झांसी में भी और  झांसी  बुंदेलखंड में आता है गांव में अधिकतर युवक युवतियों  अन्य राज्यों में मजदूरी करने जाते हैं अगर उन्हें यहां पर इन उद्योग में लगाया जाए तो वहां का  बुंदेलखंड काविकास शीघ्र ही होगा. इलेक्ट्रॉनिक हब बनाकर हम पांच राज्यों को उन्नति करेंगे ही साथ में वहां के जिलों के लोगों की भी और युवक-युवतियों की का विकास भी होगा रोजगार भी मिलेगा साथ में भारत को एक प्रगति का बहुत बड़ा मुकाम भी मिलेगा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर। इलेक्ट्रॉनिक्स हब के कारण भारत का विकास भी होगा प्रगति भी होगी और भारत का अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक का नाम भी होगा.
अतुल सचदेवा (टेलीकॉम आई टी सेक्टर एक्सपर्ट )

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