चीन ने कई शहरों में लगाया बैन, क्या वाकई हानिकारक है फ्रोजन मीट का सेवन

फूड की पैकेजिंग (Food Packaging) और फ्रोजन मीट (Frozen Chicken) से कोरोना फैलने (Corona Spreading) की कितनी संभावना है, यहां जानें कुछ जरूरी डिटेल्स…

पिछले दिनों चीन से यह खबर आई कि वहां ब्राजील से आनेवाले फ्रोजन चिकन (Frozen Chicken) और इक्वाडोर से आनेवाली झींगा मछली में कोरोना वायरस (Coronavirus Infection) का संक्रमण मिला है। इसके बाद आयात किए गए इस मीट को फूड मार्केट और स्टोर्स से हटा दिया गया। हालांकि ब्राजील और इक्वाडोर का कहना है कि कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए फूड प्रॉसेसिंग से जुड़ी सभी मानकों और गाइलाइन्स का पालन हो रहा है। लेकिन पैकेजिंग होने और पोर्ट से रवाना होने के बाद फूड के साथ क्या होता, इसकी जिम्मेदारी वे नहीं ले सकते हैं…

-लेकिन चीन ने अपनी तरफ से दूसरे देशों से आयात हो रहे पैकेज्ड और फ्रोजन फूड्स (Frozen Food) की टेस्टिंग बंद नहीं की है। हालांकि कई केसेज में डब्यूएचओ ने उससे सबूत मांगे हैं, जिन्हें अभी तक चीन द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है।

-वहीं WHO का कहना है कि उन्हें अपनी जांच के दौरान फ्रोजन फूड और पैकेट्स पर किसी तरह का कोई ऐसा संकेत नहीं मिला है, जिससे कहा जाए कि फूड पर कोरोना वायरस ऐक्टिव है। इसलिए लोगों को आयात किए हुए फूड को खाने से परहेज करने की जरूरत नहीं है।

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फ्रोजन चिकन से कोरोना संक्रमण

-इस समय चीन ने अपने देश के कई शहरों में आयातित फूड और फ्रोजन फूड के सेवन पर बैन लगा दिया है। खासतौर पर उन एरिया से आनेवाले फ्रोजन फूड्स पर जहां कुछ समय पहले तक कोरोना वायरस का कहर बना हुआ था।

बढ़ रही है उलझन
-एक तरफ ब्राजील के कृषि मंत्रालय ने चीन द्वारा की गई जांच पर स्पष्टीकरण मांगा है तो दूसरी तरफ पूरी दुनिया में इस वायरस से मरनेवाले लोगों की संख्या सात लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। ऐसे में लोगों के मन में हर उस चीज को लेकर कोरोना संक्रमण का डर सता रहा है, जिसके जरिए भी यह बीमारी फैलान का संदेह है।

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एक देश से दूसरे देश जारी है कोरोना का संक्रमण

-जागरूक उपभोक्ता यह सवाल भी कर रहे हैं कि खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से कहा गया है कि प्लास्टिक सरफेस या पॉलीबैग्स पर कोरोना वायरस की लाइफ 9 दिन तक हो सकती है। तो इस स्थिति में कैसे इंकार किया जा सकता है फूड पैकेट्स पर कोरोना नहीं हो सकता, क्योंकि ज्यादातर फूड पैकेट्स तो प्लास्टिक के ही बने होते हैं।

-वहीं, फ्रोजन मीट के उपयोग को लेकर भी आम लोगों के मन में आशंका बढ़ रही है। क्योंकि ठंडा वातावरण और नमी तो कोरोना वायरस की लाइफ को बढ़ा देती है। ऐसे में यदि किसी भी तरह फ्रोजन फूड तक कोरोना संक्रमण पहुंच जाता है तो इस बात से कैसे इनकार किया जा सकता है कि ऐसे मीट से संक्रमण नहीं फैलेगा?

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