SC ने टाली तबलीगी जमात पर मीडिया की रिपोर्टिंग पर सुनवाई, बताई ये वजह


नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) और निजामुद्दीन मरकज के मामले की रिपोर्टिंग को झूठा और सांप्रदायिक बताने वाली याचिकाओं पर सुनवाई को टाल दिया. जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिकाओं में सरकार को मीडिया पर कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई है.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी (NBSA) शिकायतों को देख रहा है, उसकी रिपोर्ट के बाद मामले की सुनवाई की जाएगी.

याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए वकील दुष्यंत ने कहा कि हमको ये स्वीकार्य नहीं है, हम चाहते हैं कि सरकार कानून के तहत आवश्यक कार्रवाई करे. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम नहीं कह रहे हैं कि कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. हम ये कह रहे है कि संस्था प्रारंभिक शिकायत की जांच करे.

सुनवाई के दौरान NBSA के वकील निशा भामबानी ने कहा कि हमें शिकायतें मिली हैं और हमने कई शिकायतों पर संज्ञान भी लिया है और नोटिस भी जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा भी यही मानना है कि प्रारंभिक शिकायत को देखने के लिए भी इस शिकायत को वहां जाना चाहिए.

बताते चलें कि भारत में तेजी से कोरोना वायरस के फैलने की शुरुआत तबलीगी जमात के कार्यक्रम के बाद ही हुई थी. बीते मार्च महीने में दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में आयोजित हुए कार्यक्रम में हजारों की संख्या में कई देशों के जमाती शामिल हुए थे, जो बाद में देश के अलग-अलग हिस्सों में फैल गए थे.

गौरतलब है कि सरकार के आदेश की अवहेलना करते हुए तबलीगी जमात का ये कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम का पूरे देश में विरोध हुआ था, जिसके चलते दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार ने कार्यक्रम में शामिल हुए जमातियों और मरकज के मुखिया मौलाना साद पर कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया था.

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