No Helmet No Entry : यातायात के नियमों का पालन करते हुए सड़क पर रहे सुरक्षित – सेवन एक्स वेलफेयर


नोयडा. जहां प्रदेश में एक ओर करोना महामारी चरम पर है वही दूसरी ओर सड़क दुर्घटना में मरने वालों की संख्या (नोयडा में 221 मौते 2020 और 499 मौते 2019) कोरोना से कही ज़्यादा है। जिसका मूल कारण हेलमेट ना पहनना, ज्यादा तेज गाड़ी चलाना, उल्टी दिशा में चलना व यातायात नियमो को पालन न करना है।

 

कूछ समय पहले प्रशासन ने पेट्रोल पम्प पर बिना हेलमेट वाले दुपहिया वाहन वालो को पेट्रोल ना देने के लिए निर्देश जारी किए थे। परंतु समय के साथ लोगों ने उसे फ़ॉलो करना काम कर दिया। नोयडा की *7X वेलफेयर* टीम ने *नो हेलमेट नो इंट्री* या कहे *नो हेलमेट नो राइड* का अभियान चला रखा है जिसके माध्यम से टीम द्वारा नोयडा की विभिन्न सोसाइटी/मार्केट में जाकर वहा के AOA/RWA या जागरूक लोगो के माध्यम से सुपरवाइजर और सुरक्षा कर्मियों को इस मुहिम के बारे में समझाया जाता है जिससे लोगो को समझाने की कोशिश होती है की हर बाइक या स्कूटर से आने या जाने वालों को हेलमेट लगाने के लिए समझाते है, जिससे वो सड़को पे सुरक्षित रहे।

 

इस रविवार ये अभियान सेक्टर 41 की मार्केट में चलाया गया। ट्रैफिक पुलिस के मदद और ट्विटर / फेसबुक पेज के जरिये लोगो को इससे अवगत किया जा रहा है, जिससे सरकार केवल पेट्रोल पंप ही नही बल्कि आफिस, पार्किंग, मेट्रो स्टेशन, हॉस्पिटल, बाज़ार,आदि हर जगहों पे लोगो को हेलमेट लगा कर चलने के बारे में बताया जा सके और सभी लोग इसका पालन करे।

 

अगर प्रशासन की ओर से कुछ निर्देश जारी किए जाए तो इस मुहीम के माध्यम से ज्यादा लोगो को जागरूक किया जा सकता है और सम्भवतः सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों पर कूछ क़ाबू किया जा सकता है। अभी तक टीम ने 7X के विभिन बाजारों के साथ साथ बहुत सी सोसाइटी में इस मुहिम को चलाया है जैसे कि अंतरिक्ष गोल्फ व्यू 1&2, अस्सोटेक विंडसर कोर्ट,अंतरिक्ष फ़ॉरेस्ट, प्रतीक वेस्टेरिया, आदित्य सेलिब्रिटी होम्ज़, JM ऑर्किद, गृह प्रवेश और नार्थ eye चौराहा पुलिस अधिकारियों के साथ आदि।

 

जिसके तहत वहा के लोगो के साथ सुरक्षा कर्मियों , सुपरवाइजर को इसके बारे में बता कर जानकारी दी जाती है और वहां उनके गेट के पास पोस्टर भी लगाए गए। एक ही उद्देश्य बिना हेलमेट कोई भी घर से न निकले व यातायात के नियमो का पालन करते हुए सड़क पे सुरक्षित रहे। सभी बिना हेलमेट के चलने वाले का यही कहना होता है की बस यही तक जाना है। इस सोच से ऊपर उठ के सोचना होगा और हेलमेट लगाना ही होगा, बस प्रशासन का सहयोग मीले ऐसे मुहिम को जिससे लीगो को समझाया जा सके।

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