September 26, 2020
गांजा तस्कर की जमानत अर्जी हुई ख़ारिज

भोपाल.विशेष न्यायालय एन.डी.पी.एस. मुकेश कुमार के न्यायालय में आरोपी नीरज विश्वकर्मा, बृजेश जैन भोपाल के द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया कि आरोपी के विरूद्ध झूठा मामला पंजीबद्ध किया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। शासन की ओर से पैरवी करते हुए उपसंचालक के.के. सक्सेना, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी विक्रम सिंह एवं नीरेन्द्र शर्मा ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि वर्तमान में ऐसे प्रकरणों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हो रही है तथा आरोपी से जप्त गांजा अल्प मात्रा से अधिक है, ऐसी स्थिति में जमानत का लाभ दिये जाने पर उक्त घटना पुन: घटित होने की संभावना है। केस डायरी का अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपी शरीफ उर्फ बच्चा की जमानत निरस्त की गई, आरोपी पूर्व से ही जेल में है।
एडीपीओ. विक्रम सिंह ने बताया कि दिनांक 08.09.2020 को थाना बैरसिया भोपाल में मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि कुछ लोग गांजा बेचने की फिरात में है। थाना बैरसिया के पुलिस अधिकारी मुखबिर से प्राप्त सूचना की तस्दीक में गये तो उन्हे चार संदेही मिले। जिनमें से एक व्यक्ति अपने हाथ में सफेद रंग की प्लास्टिक की बोरी लिये दिखा तथा अन्य तीन व्यक्ति जो साथ खडे थे बार-बार हाथ में रखा पदार्थ सूंग रहे थे तथा मोल भाव कर रहे थे। पुलिस ने सभी लोगों को पकडा तथा बोरी लिये व्यक्ति ने अपना बृजेश जैन बताया। पुलिस ने आरोपी नीरज की तलाशी ली तो उसकी जेब से 26500/-रूपये नकद मिले तथा बृजेश जैन के पास जो बोरी थी उसे खोलकर देखा तो उसमें मादक पदार्थ गांजा भरा हुआ था उसे वही तोला तो वह दस किलो दो सौ ग्राम था। जिसे आरोपी नीरज अपने अवैध कब्जे में लिये बेचने की फिरात में रखे हुये था। पुलिस ने गांजे में से जांच के लिये सैम्पल निकाले और सम्पूर्ण गांजे को जब्त कर बृजेश और खडे व्यक्तियों को गिरफतार किया और थाने लाकर उनके विरूद्ध गांजा रखने के अपराध में एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/20 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर हवालत में बंद किया।
उपसंचालक अभियोजन के.के.सक्सेना : वर्तमान समय में पूरे देश एवं प्रदेश सहित राजधानी में मादक पदार्थो की तस्करी के मामलें निरंतर बढ रहे है। मादक पदार्थ पूरे समाज और खासकर युवा वर्ग को नशे के अधेंरे में धोंक देता है जिससे वो न केवल नशे की लत के आदी हो जाते है बल्कि मादक पदार्थ प्राप्त करने के लिए गंभीर से गंभीर अपराध करने में भी नही चूकते हैा निश्चित रूप से मादक पदार्थो से संबंधित किसी अपराध को बढने नही दिया जात सकता है।
संचालक लोक अभियोजन महोदय श्री पुरूषोत्तम द्वारा राजधानी सहित प्रदेश के सभी विशेष लोक अभियोजकों को मादक पर्दाथो की तस्करी करने वाले आरोपियों के मामले में सशख्त पैरवी कर उन्हें जेल के पीछे पहुचाने के लिए हर संभव प्रयास के निर्देश दिये गये है। श्री सक्सेना ने कहा कि नशे के कारोबारियों को उचित सजा दिलवाकर ही इस समाज को नशामुक्त किया जा सकता है।राजधानी भोपाल में भी कई मामलें मादके पदार्थो की तस्करी के आते है ऐसे मामलों में अभियोजन द्वारा सख्त पैरवी की जाती है और ऐसे आरोपियों को जेल भेजकर उन्हें सजा दिलवाई जाती है। राजधानी को नशा मुक्त रखना ही अभियोजन का उद्देशय है और इस कार्य को करने के लिये अभियोजन हमेशा तत्पर है।