अयोध्या केस के साथ मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन की याचिका पर होगी सुनवाई

नई दिल्ली.अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट 18वें दिन की सुनवाई आज करेगा.17वें दिन की सुनवाई में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा था कि रामलला के वकील वैद्यनाथन ने अयोध्या में लोगों द्वारा परिक्रमा करने संबंधी एक दलील दी थी. लेकिन कोर्ट को मैं बताना चाहता हूं कि पूजा के लिए की जाने वाली भगवान की परिक्रमा सबूत नहीं हो सकती. बाबर के विदेशी हमलावर होने पर वो कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते क्योंकि फिर तो आर्यो को लेकर भी जिरह करनी होगी. मैं 1528 से जिरह करने को तैयार हूँ ये साबित करने के लिए कि वहाँ मस्ज़िद थी.
राजीव धवन की अवमानना याचिका पर सुनवाई आज
अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील राजीव धवन की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा.दरअसल, एक 88 साल के प्रोफेसर ने उन्हें श्राप दे दिया था.चेन्नई के रहने वाले 88 साल के प्रोफेसर एन षणमुगम ने धवन को 14 अगस्त को चिट्ठी लिखकर कहा था कि, फरवरी 1941 से लेकर अब तक मैं 50 लाख बार गायत्री मंत्र का जाप कर चुका हूं. सितंबर 1958 से लेकर अब तक 27 हजार बार गीता का दसवां अध्याय पढ़ा है. अपनी इसी जीभ से मैं भगवान के काम में रास्ता रास्ते में अड़चन डालने के लिए आप को श्राप देता हूं कि आपकी जीभ बोलना बंद कर दे. आपके पैर काम करना बंद कर दें. आपकी आंखों की रोशनी चली जाए. आपके कान सुनना बंद कर दें. धवन का कहना है कि प्रोफेसर न्याय के काम में बाधा डाल रहे हैं.इसके अलावा राजस्थान के एक व्यक्ति ने धवन साहब को व्हाट्सएप पर मैसेज भेज कर यह कहा है कि जब आप मरेंगे तो राम नाम सत्य नहीं कहा जाएगा.धवन ने इन दोनों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग की है.
17वें दिन की सुनवाई क्या हुआ था
17वें दिन की सुनवाई में राजीव धवन ने कोर्ट से सप्ताह के बीच में बुधवार को खुद के लिए ब्रेक की मांग की थी. धवन ने कहा था कि उनके लिए लगातार दलीलें देना मुश्किल होगा. CJI ने कहा था कि इससे कोर्ट को परेशानी होगी. आप चाहे तो शुक्रवार को ब्रेक ले सकते हैं. धवन- ठीक है, मैं सहमत हूं. अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन ने कहा था कि स्वयंभू का मतलब भगवान का प्रकट होना होता है, इसको किसी खास जगह से नही जोड़ा जा सकता है, हम स्वयंभू और परिक्रमा के दस्तावेजों पर भरोसा नहीं कर सकते. राजीव धवन ने कहा था कि बाबर के विदेशी हमलावर होने पर वो कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते क्योंकि फिर तो आर्यो को लेकर भी जिरह करनी होगी, मैं साबित करने के लिए जिरह करूंगा कि वहां मस्ज़िद थी
राजीव धवन ने कहा कि आप कौन का कानून यह पर लागू करेंगे, क्या हमे वेदों और स्कंद पुराण को लागू करना चाहिए.
राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट को धर्म ने न्याय, साम्यता और शुद्ध विवेक-व्यवस्था और कुछ यात्रियों का संक्षिप्त कॉम्पलीकेशन दिया था. मुस्लिम पक्ष के वकील धवन ने कहा कि प्रायिकता का पूर्व विस्तार दर्शाता है कि विवाद में भवन औरंगजेब के कार्यकाल के दौरान बनाया गया था, क्यों कि अकबर, शाहजहां या हुमायूं के शासनकाल में इसकी रचना नहीं हो सकती थी. धवन ने कहा था कि केस कानून से चलेगा और वेद और स्कंद पुराण के आधार पर नहीं है.लोगों का उस स्थान की परिक्रमा करना धार्मिक विश्वास को दिखाता है. ये कोई सबूत नहीं.1858 से पहले के गजेटियर का हवाला गलत. अंग्रेजों ने लोगों से जो सुना, लिख लिया. मकसद ब्रिटिश लोगों को जानकारी देना भर था. मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा था कि रामलला के वकील वैद्यनाथन ने अयोध्या में लोगों द्वारा परिक्रमा करने संबंधी एक दलील दी.