मजदूर, किसान दलित तथा आदिवासियों के लिए लड़ने वाले लाखन सिंह का निधन

बिलासपुर. मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल के राज्य अध्यक्ष व जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता लाखन सिंह का रविवार की शाम एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।लाखन सिंह मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाले हैं लेकिन बीते कई दशकों से वे बिलासपुर में थे। उन्होंने सामाजिक विषमता और वंचित समूहों के बीच लगातार काम किया। शासकीय सेवा में रहते हुए भी वे इसके लिए रास्ता निकालते रहे। उन्होंने बस्तर, , सरगुजा के आदिवासियों की भूमि व प्राकृतिक, खनिज संपदा पर अतिक्रमण, उन पर हिंसा, अत्याचार व दमन के खिलाफ लगातार आवाज उठाई और अंत तक इस दिशा में सक्रिय रहे। वे लम्बे समय तक साक्षरता मिशन से भी जुड़े रहे। सैन्य विज्ञान पर उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि ली थी।लाखन सिंह ने देहदान का संकल्प लिया था। इस बारे में निर्णय लेने के लिए उनके परिवार की प्रतीक्षा की जा रही है जो ग्वालियर व अन्य स्थानों से बिलासपुर रवाना हुए हैं। उनकी देह उनके निवास विकास नगर 27 खोली में रखी गई है। कल दोपहर दो बजे तक अंतिम दर्शन किया जा सकेगा।सामाजिक, आर्थिक तथा राजनैतिक आंदोलन में मानवाधिकार के लिए लंबे समय से संघर्षरत जुझारू और सुलझे हुए शख्सियत के धनी लाखन सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। जब देश में मजदूर, किसान दलित तथा आदिवासियों के आंदोलनों को कुचला जा रहा हो तब लाखन सिंह समाज के आधार स्तंभ की तरह मजबूती के साथ खड़े रहें।