घाटमुड़ा विस्थापितों की मांगों पर चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की माकपा ने

कोरबा. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने गंगानगर ग्राम में बसाए गए घाटमुड़ा के विस्थापित परिवारों की मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की है। आज इस आशय का ज्ञापन माकपा जिला सचिव प्रशांत झा के साथ किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर, रामायण कंवर, दीपक साहू, संजय यादव आदि ने एसईसीएल के गेवरा क्षेत्र के महाप्रबंधक को 20 नवम्बर को गेवरा मुख्यालय के घेराव की चेतावनी के साथ सौंपा है। ज्ञापन में मांग की गई है कि अधिग्रहण के बाद लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण किया जाये, विस्थापित परिवारों को गंगानगर की कब्जा भूमि पर अधिकार पत्र और भूविस्थापित होने का प्रमाण पत्र दिए जाएं, अवैध कब्जा बताकर की गई तोड़-फोड़ का मुआवजा देने, पुनर्वास ग्राम गंगानगर में स्कूल-अस्पताल, बिजली-पानी,  गौठान, मनोरंजन गृह, श्मशान घाट जैसी बुनियादी मानवीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए और उन्हें विभागीय अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
उल्लेखनीय है कि एसईसीएल की गेवरा परियोजना के लिए वर्ष 1980-81 में घाटमुड़ा के 75 परिवारों को विस्थापित किया गया था तथा 25 एकड़ के प्लॉट में गंगानगर ग्राम में उन्हें बसाया गया था। पिछले 40 सालों में इन विस्थापित परिवारों की संख्या और आबादी बढ़कर दुगुनी से अधिक हो गई है, लेकिन अब उनके कब्जे को अवैध बताकर नोटिस दिए जा रहे हैं और तोड़-फोड़ की जा रही है। इस मुद्दे पर माकपा और छत्तीसगढ़ किसान सभा पिछले दो सालों से विस्थापित ग्रामीणों के पक्ष में आंदोलन कर रही है। दो माह पूर्व ही कब्जा हटाने के लिए एसईसीएल द्वारा दी गई नोटिसों का सामूहिक दहन किया था और मुख्यालय घेराव के लिए पदयात्रा का आयोजन किया था, जिसे लॉक डाउन का हवाला देते हुए प्रशासन ने बीच में ही रोक दिया था। इन आंदोलनों के दौरान कई बार ग्रामीणों की एसईसीएल प्रबंधन और प्रशासन के साथ वार्ताएं हुई, लेकिन आश्वासन के बावजूद निराकरण नहीं हुआ।
अब माकपा और किसान सभा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने निर्णायक लड़ाई लड़ने का फैसला कर लिया है। चरणबद्ध आंदोलन की अगली कड़ी के रूप में 30 नवम्बर को गेवरा परियोजना में कोयला उत्पादन ठप्प करने और 10 दिसम्बर को  रेल मार्ग से कोयला परिवहन जाम करने की भी घोषणा की गई है।
माकपा नेता प्रशांत झा ने राज्य सरकार और कोरबा जिले के मुखिया मंत्री से पीड़ित विस्थापित परिवारों के पक्ष में हस्तक्षेप करने का भी आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि एसईसीएल और सरकार से हमारी मांगें कानून के दायरे में ही है। लेकिन यदि इन मांगों पर सुनवाई नहीं होती, तो 10 दिसम्बर के बाद इस आंदोलन के अगले चरण की घोषणा की जाएगी।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!