आदर्श योग आध्यात्मिक केन्द्र के योग साधकों ने स्वर्ण जयंती पार्क में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 13 नवम्बर को मनाया गया

आदर्श योग आध्यात्मिक केन्द्र  के योग साधकों द्वारा स्वर्ण जयंती पार्क में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 13 नवम्बर धनतेरस के दिन  सुबह 8 से 9 बजे तक मनाया गया , विशेष रूप से योगाचार्य डॉ. फूलचंद जी जैन, योग गुरु महेश अग्रवाल एवं राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्राप्त स्वास्थ्य प्रचारक नरेंद्र भार्गव सहित श्रीमती किरण, पलक, काशवी, लता बंजारी , संगीता साहू, संतोष, अश्विन व्योहार, रितेश हरमानी , बृजेश रावत,सिद्धेश, अतुल मालवीय उपस्थित रहे।

योगाचार्य महेश अग्रवाल ने बताया की हमारे सभी त्यौहार योग, साफ सफाई  एवं आयुर्वेद की शिक्षा देते हैं यदि हम ध्यान पूर्वक अध्ययन करें तो वैज्ञानिक तथ्य भी होते है, आयुर्वेद में स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा और रोगों का का उपचार करने के लिए आहार एवं पोषण, दिनचर्या, ऋतुचर्या बुनियादी स्वच्छता, स्वच्छ वातावरण का पालन करना चाहिए, आयुर्वेद के अनुसार ऋतुओं के शरीर पर प्रभाव के आधार पर दिनचर्या में बदलाव लाना चाहिए |

उन्होंने कहा की वर्तमान में मास्क का उपयोग करें एवं आपस में स्नेह शुभ भाव रखते हुए दुरी रखें, घर पर रहकर ही योग करें |राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस  हर साल धन्वंतरी जयंती या धनतेरस  के दिन मनाया जाता है। राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की शुरुआत साल 2016 में हुई थी। इसका उद्देश्‍य आयुर्वेद क्षेत्र से जुड़े हितधारकों और उद्यमियों को कारोबार के नए अवसरों के प्रति जागरूक करना है। बता दें कि आयुर्वेद सालों से हमारे अच्छे स्वास्थ्य में अपनी भूमिका निभाता आ रहा है। ऐसे में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है।

आयुर्वेद (आयुः + वेद = आयुर्वेद ) विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है, यह विज्ञान, कला और दर्शन का मिश्रण है । ‘आयुर्वेद’ नाम का अर्थ है, ‘जीवन से सम्बन्धित ज्ञान’। आयुर्वेद, भारतीय आयुर्विज्ञान है। आयुर्विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है जिसका सम्बन्ध मानव शरीर को निरोग रखने, रोग हो जाने पर रोग से मुक्त करने अथवा उसका शमन करने तथा आयु बढ़ाने से है। भगवान धन्वंतरी आयुर्वेद के देवता हैं वे विष्णु के अवतार माने जाते हैं |
भगवान धन्वंतरी को भगवान विष्णु का रूप कहते हैं जिनकी चार भुजायें हैं. उपर की दोंनों भुजाओं में शंख और चक्र धारण किये हुये हैं. जबकि दो अन्य भुजाओं मे से एक में जलूका और औषध तथा दूसरे मे अमृत कलश लिये हुये हैं. इनका प्रिय धातु पीतल माना जाता है. इसीलिये धनतेरस को पीतल आदि के बर्तन खरीदने की परंपरा भी है. इन्‍हे आयुर्वेद की चिकित्सा करनें वाले वैद्य आरोग्य का देवता कहते हैं. इन्होंने ही अमृतमय औषधियों की खोज की थी. आयुर्वेद के ग्रन्थ तीन दोषों (त्रिदोष – वात, पित्त, कफ  ) के असंतुलन को रोग का कारण मानते हैं और समदोष की स्थिति को  आरोग्य। आदर्श योग आध्यात्मिक केन्द्र लगातार कई वर्षो से स्वर्ण जयंती पार्क में एवं वर्तमान में 7 महीनों से ऑनलाइन फेसबुक के माध्यम से निशुल्क सुबह एवं शाम को योग के द्वारा लोगों को स्वस्थ जीवन जीने की कला सीखा रहा है कोई अवकाश नहीं रखते हुए सभी धार्मिक सामाजिक राष्ट्रीय त्यौहार उत्साह पूर्वक मनाते है  साधकों के जन्मदिन पर वृक्षारोपण के साथ लोगों को स्वच्छता सुरक्षा के प्रति भी जागरूक किया जाता है।

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