महिला प्रशंसक ने फुटबॉल के लिए खुद को लगा ली आग, स्टेडियम में बैन का कर रही थी विरोध

लंदन. ईरान में महिलाओं पर बिना हिजाब के फुटबॉल स्टेडियम में जाने पर प्रतिबंध है. इसके खिलाफ लगातार आवाज भी उठती रही है. लेकिन शायद ही किसी ने सोचा होगा कि कोई महिला इस प्रतिबंध का विरोध करते हुए जान दे देगी. 29 साल की सहर खोदयारी (Sahar Khodayari) ने ऐसा ही किया, जिसके बाद से दुनियाभर में ईरानी कानून की निंदा हो रही है. 

एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक 29 साल की सहर खोदयारी फुटबॉल की फैन थीं. उन्होंने अपने देश के कानून का विरोध करते हुए स्टेडियम में बिना हिजाब के प्रवेश किया था. इसके बाद उन पर मुकदमा चलाया गया. इस मामले की पिछले सप्ताह कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद सहर ने कोर्ट के बाहर ही खुद पर गैसोलिन डालकर खुद को आग लगा ली. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. 

इतालवी फुटबॉल क्लब रोमा ने सहर खोदयारी को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया, ‘रोमा की जर्सी लाल-पीली रंग की है. लेकिन सहर खोदयारी की बार के बाद आज हमारे दिल में सिर्फ नीला रंग बस गया है. फुटबॉल दुनिया को एक करता है, ना कि हमें बांटता है. अब वक्त आ गया है कि ईरान पुरुषों की भांति महिलाओं को भी खेलने और खेल देखने का अधिकार दे.’ 

पुरुषों के भेष में स्टेडियम पहुंची थी सहर 
बता दें कि सहर खोदयारी ने इसी साल मार्च में बिना हिजाब के स्टेडियम जाने से संबंधित बैन का विरोध किया था. वे इसका विरोध करते हुए फुटबॉल मैच के दौरान पुरुषों के भेष में स्टेडियम गई थीं. बाद में वे पहचान ली गईं और उन पर मुकदमा चलाया गया. 

सहर का अपराध सिर्फ इतना है…
एमनेस्टी इंटरनेशनल (मिडिल ईस्ट) के डायरेक्टर फिलिप लूथर ने कहा, ‘सहर के साथ जो हुआ, वह हृदयविदारक है. उनका अपराध सिर्फ इतना था कि वे उस देश की महिला थीं, जहां महिलाएं कई तरह के प्रतिबंधों का सामना कर रही हैं.’ ईरान में 1979 में इस्लामिक रिवॉल्यूशन होने के बाद ही महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए थे. 



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