पेनल्टी चूकने के बाद रेसिज्म का शिकार हुआ फुटबॉलर, मां घर पर रोती रही

अटलांटा. खेल के मैदान पर यूं तो हर खिलाड़ी समान होता है, लेकिन यह सिक्के का सिर्फ एक पहलू है. दूसरा पक्ष यह है कि मैदान पर खिलाड़ियों को अक्सर नस्लभेद, रंगभेद का सामना करना पड़ता है. इंग्लैंड में हाल ही में क्रिकेट से लेकर फुटबॉल तक ऐसी घटनाएं हुई हैं, जो बताती हैं कि दर्शक खिलाड़ियों पर नस्लीय टिप्पणी करते हैं. हाल ही में इसका शिकार चेल्सी के लिए खेलने वाले अश्वेत फुटबॉलर टैमी अब्राहम भी हुए. इंग्लैंड के अब्राहम को पेनल्टी चूकने के बाद निशाना बनाया गया.
चेल्सी ने पिछले हफ्ते लिवरपूल को 2-1 से हराया. चेल्सी की इस जीत में एडेन हैजार्ड और एमर्सन पाल्मेरी ने गोल किए, लेकिन टैमी अब्राहम पेनल्टी चूक गए. टैमी अब्राहम ने खुलासा किया कि पेनल्टी चूकने के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर नस्लीय टिप्पणियों (Racial Abuse) का सामना करना पड़ा.
टैमी अब्राहम ने बताया, ‘यह सब सुनकर मेरी मां भावुक हो गईं. वे बहुत रो रही थीं. जाहिर है कि यह सब सुनने मे अच्छा नहीं लगता. खासकर अपने बेटे के खिलाफ गालियां सुनना किसी को भी बर्दाश्त नहीं होता.’ अब्राहम ने आगे कहा, ‘जहां तक मेरा सवाल है तो मुझे ऐसी बातें प्रभावित नहीं करती हैं. लेकिन ऐसे बहुत लोग हैं, जो इससे प्रभावित हो सकते हैं. यह वक्त मेरे लिए चुनौतीपूर्ण था. कोई भी खिलाड़ी पेनल्टी चूक सकता है. ऐसा होने पर उसे बुरा ही लगता है. मुझे भी ऐसा लगा. लेकिन इसके लिए कोई आपको गालियां दे, यह स्वीकार्य नहीं है.’
पिछले कुछ महीने में ही कई खिलाड़ियों को सोशल मीडिया पर रंगभेद या नस्लभेद का सामना करना पड़ा है. इनमें फुटबॉलर पॉल पोग्बा और मार्कस रश्फोर्ड शामिल हैं. क्रिकेटर जोफ्रा आर्चर को भी नस्लीय टिप्पणियों का सामना करना पड़ा है.
टैमी अब्राहम इस बारे में ट्विटर से भी असंतुष्ट नजर आए. उन्होंने कहा, ‘यह समझने की जरूरत है कि साइबर बुलिंग की इतनी बातें क्यों होती हैं और इन्हें ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म पर कैसे जगह मिल जाती है. हम सब ऐसे ट्वीट देखते हैं. अब ट्विटर को इसके बारे में कुछ करने की आवश्यकता है.’
ट्विटर ने भी इस पर सफाई दी है. उसने एक बयान में कहा, ‘हमने ब्रिटिश फुटबॉल से संबंधित दुर्व्यवहार की 700 से अधिक घटनाओं पर कार्रवाई की है. ये ऐसे विषय हैं, जिन पर लोग कॉमेंट करने के बाद बहानेबाजी करते हैं. वे शायद यह नहीं जानते कि हम यह सब देखते हैं’