धोखाधड़ी का फरार आरोपी ठेकेदार को कोरबा पुलिस ने दी खुली छूट

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बिलासपुर. पैसे के लिए पुलिस कुछ भी कर सकती है इसके लिए उसे अपने बाप को भी सलाखों के पीछे लाना क्यों न पड़ जाये। धोखाधड़ी जैसे गंभीर मामले का आरोपी खुलेआम कोरबा में नेतागिरी कर रहा है और कोरबा पुलिस सब कुछ भुलाकर निष्पक्ष कानून व्यवस्था का ढोंग कर रही है। कोरबा पुलिस ने कोर्ट के आदेश को भी नहीं माना और आरोपी के विरुद्ध चालान तक पेश नहीं किया। खानापूर्ति करने के लिए पुलिस ने जिसे आरोपी बनाया था उसे कोर्ट ने बरी करते हुए ठेकेदार और बैंक कर्मचारी दोषी करार दिया था जिसे आज तक कोरबा पुलिस द्वारा हिरासत में नहीं लिया गया है। धोखाधड़ी के मामले को दबाने के एवज में लेनदेन से इंकार नहीं किया जा सकता।

घटना इस प्रकार है- वर्ष 2011 में कोरबा सिटीकोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले उरगा पुलिस चौकी में जिला सरकारी बैंक प्रबंधन ने गोदाम निर्माण में अनियमितता करने वाले ठेकेदार गोविंद अग्रवाल, बैंक कर्मचारी वीपी खरे, तथा बीपी कश्यप के विरूद्ध 16 सितंबर 2011 को मामला दर्ज कराया था। मामले में उरगा पुलिस ने धारा 420, 471, 472, 468, 467, 120बी, 34  के तहत अपराध दर्ज किया था। इस समय जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र पाण्डेय थे उनके दबाव पर ही मामला दर्ज कराया गया था। उरगा पुलिस अपराध दर्ज करने के दूसरे दिन बीपी कश्यप को उसके घर से हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया था।

जबकि दो आरोपी ठेकेदार गोविंद अग्रवाल, वीपी खरे फरार थे। इधर कोर्ट ने आरोपी बनाये गए बीपी कश्यप को बरी करते हुए गोविंद अग्रवाल और वीपी खरे के विरूद्ध कार्रवाई कर चालान पेश करने के निर्देश भी दिए थे। अजमानतीय धारा में फरार आरोपियों को आज तक कोरबा पुलिस बचाते आ रही है। जबकि गोविंदा अग्रवाल राजनीतिक दलों के साथ बैनर पोस्टरों में अपना आदम कद पोस्टर लगवा कर खुलेआम घूमता है। बाल का खाल निकालने वाली पुलिस के हाथ रुपयों से भरा बंडल लग जाये तो वह कुछ भी करने को तैयार रहती है। ऐसे कई अनगिनत मामले है जिनमें कोरबा और कटघोरा पुलिस लेनदेन के सहारे फाइल दबाते चले आ रही है। किसी गरीब आदमी के विरूद्ध और जमानती धारा भी लग जाये तो भी पुलिस उसे खोजकर निकालती है। घोखाधड़ी जैसे गंभीर मामले में फरार आरोपी ठेकेदार गोविंदा अग्रवाल  नेताओं की गोद में बैठकर खुलेआम घूम रहा हूं। भाजपा शासनकाल में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में जमकर भ्रष्टाचार हुआ था। राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद भी धोखाधड़ी के लंबित आरोपी आज भी सीना तानकर घूम रहे हैं।

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