मकर संक्रांति पर पूरे प्रदेश में दान संग्रहण की तैयारी


बिलासपुर. अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम से संबद्ध वनवासी विकास समिति छत्तीसगढ़ के द्वारा पूरे प्रदेश में हिंदू समाज के दान के पर्व “मकर संक्रांति” के अवसर पर पूरे समाज से दान संग्रहण की योजना बन रही है l मकर संक्रांति दान के इस महान पर्व के अवसर पर प्रत्येक वर्ष समिति के द्वारा समाज के लोगों से अपील की जाती है कि वे अन्न, धन और वस्तु का दान दें जो कि मकर संक्रांति पर नगर के विभिन्न स्थानों पर लगने वाले स्टालों में एकत्र करके वनवासी बच्चों के छात्रावास में भेजा जाता है।

छत्तीसगढ़ में वनवासी विकास समिति के द्वारा चलाए जा रहे 28 छात्रावासों में इसी दान के द्वारा प्राप्त हुए अन्न और धन से बच्चों के साल भर के भोजन, अध्ययन, वस्त्र, आवास और अन्य आवश्यकता की पूर्ति की जाती है।

इस वर्ष दान संग्रहण के लिए अभी से पूरे प्रदेश में बैठक करके योजनाएं बनाई जा रही है।17 दिसंबर बुधवार को समिति की प्रदेश स्तर की बैठक संपन्न हुई जिसमें समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव ,सह सचिव के अतिरिक्त लगभग 60 कार्यकर्ता भी उपस्थित थे और सभी ने प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर दान संग्रहण की योजना बनाई। बिलासपुर नगर में भी महिलाओं की बैठक हुई तथा उसमें प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग दायित्व दिया गया ।और कार्यकर्ताओं से अपील की गई कि लोगों से संपर्क करके अन्न संग्रहण के लिए थैलियां और पंपलेट देकर लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाई जाए।

वनवासी विकास समिति छत्तीसगढ़ के द्वारा विभिन्न जिलों में चलाए जा रहे छात्रावासों मे लगभग 900 बालक और बालिकाएं रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी बिलासपुर में मकर संक्रांति 15 जनवरी को विभिन्न स्थानों पर स्टॉल लगाने की योजना बनाई जा रही है। जिससे कि उन स्थलों में उस दिन लोग स्वेच्छा से आकर दान दे सकें। यह स्टॉल केवल मकर संक्रांति के दिन सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम को 5:00 बजे तक लगाए जाते हैं। जो पत्रक वितरित किया जाता है उसमें इन स्टॉलों के स्थान और वहां के कार्यकर्ताओं के मोबाइल नंबर दिए जाते हैं ताकि दानदाताओं को उन स्थानों तक पहुंचने में सरलता रहे.स्टालों में दान पात्र रखा रहता है तथा दिए गए दान की पावती (रसीद) भी दी जाती है। वनवासी विकास समिति को दिया गया दान आयकर अधिनियम की धारा 80 G के तहत कर मुक्त है।

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