घर से भागी विक्षिप्त किशोरी को डॉयल 112 व मोहल्ले के लोगों ने परिजनों से मिलाया
बिलासपुर/अनिश गंधर्व. मानसिक रूप से विक्षप्त किशोरी को मोहल्ले के लोगों ने बिठाया और डॉयल 112 के माध्यम से परिजनों तक पहुंचाया। रोती बिलखती किशोरी ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी। वहीं वह कहां जा रही और कहां रहती है इस पर ठीक से जवाब नहीं दे पा रही थी जिसे सकुशल डायर 112 वाहन में बिठाकर मोहल्ले वालों ने घर तक पहुंचाया।
घटना 21 दिसंबर की शाम साढ़े 7 बजे की है। जूनाबिलासपुर क्षेत्र के डोंगाघाट के पास 12-13 वर्षीय मानसिक रूप से विक्षिप्त किशोरी सड़क पर खड़ी होकर रोने लगी। उसे रोने का कारण पूछने पर वह ठीक से कुछ बता नहीं पा रही थी। अपने आप को चिंगराजपारा का रहने वाली बता पा रही थी वहीं अपना नाम आरती विश्वकर्मा बता रही थी। घर का पता पूछने पर वह स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रही थी। जिसे आसपास के लोगों ने बिठाया और डॉयल 112 को सूचना दी। सूचना उपरांत मौके पर पहुंची पुलिस ने किशोरी को वाहन में बिठाया और मोहल्ले के दो युवकों को अपने साथ लेकर किशोरी बताये रास्ते के अनुसार चिंगराजपारा लेकर पहुंचे। इसके बाद युवती के परिजनों को बुलाया गया और समझाइश देकर किशोरी को उनके हवाले किया। मालूम हो कि शहर में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। नशे में धुत्त युवक चोरी चकारी व पाकेटमारी करने से बाज नहीं आ रहे हैं ऐसे में उक्त किशोरी देर रात तक अगर भटकती तो खतरे की बात थी। इसी बात को लेकर मोहल्ले के लोग चिंतित थे। घर से भागी किशोरी के सकुशल पहुंचने पर ही लोगों ने राहत की सांस ली।
पूरा नाम तक नहीं लिख पा रही थी
रोती-बिलखती युवती बार-बार कह रही थी कि बर्तन नहीं धोने के कारण परिजनों ने उसके मारपीट की है जिसके चलते वह कतियापारा अपने भाई के घर जाने के लिए निकलना बता रही थी। उसे नाम लिखने के लिए कागज और पेन दिया गया तो वह सिर्फ आरती बस लिख पा रही थी।
महिलाओं ने भी की बातचित की कोशिश
विक्षिप्त किशोरी से मोहल्ले की महिलाओं ने भी बातचित करने की कोशिश की। उसे अपने घर जाने को कहा तो नहीं जाने की बात कहती थी और रोना शुरू कर देती थी। इस दौरान उसे बिस्किट लाकर देने पर वह खाने लगी। महिलाओं को भी उसे सुरक्षित घर पहुंचाने की चिंता थी।