तो क्या अब Imran Khan को ‘देहाती औरत’ कहेंगे नवाज शरीफ? जानिए क्या है पूरा मामला


नई दिल्ली. पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की राजनीतिक मजबूरी ही है कि भारत की बात किए बिना उनका दिन पूरा नहीं होता. पाकिस्तान को अस्थिर करने की कोशिश के आरोप तो वो अक्सर लगाते ही रहते हैं. 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35ए (Imran Khan on Article 370 and 35A) को हटाए जाने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में जैसे बर्फ जमी हुई है. अपनी आदत के अनुसार ही इमरान खान ने एक बार फिर कश्मीर राग अलापा है.

उनका कहना है कि जब तक भारत जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और 35ए को फिर से बहाल नहीं कर देता, तब तक उससे बात नहीं हो सकती है. इमरान खान के बार-बार इसी मुद्दे को उठाने पर उनके ही पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) का एक बयान याद आता है, जो उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) को लेकर दिया था. ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत में नवाज शरीफ ने साल 2013 में पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर के साथ बात करते हुए डॉ. मनमोहन सिंह को ‘देहाती औरत’ कह डाला था. हालांकि, बाद में नवाज शरीफ ने सफाई देते हुए ऐसे किसी बयान से इनकार कर दिया था.

मनमोहन सिंह ने संयुक्त राष्ट्र में उठाया था आतंक का मुद्दा

नवाज शरीफ उस वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे और तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उस वक्त संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद का मुद्दा उठाया था. मनमोहन सिंह ने युनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ बातचीत में पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताया था. इस पर पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने रिएक्शन दिया था.

नवाज शरीफ ने कहा था, ‘मनमोहन सिंह ‘देहाती औरत’ की तरह इस मुद्दे को उठा रहे हैं.’ मीर ने बाद में बताया कि यह मजाक में दिया गया बयान था और उस दौरान भारत की एक महिला पत्रकार भी वहां मौजूद थीं. नवाज शरीफ के बयान का संदर्भ उस समय इस तरह से निकाला गया कि जैसे देहाती महिलाएं आपसी झगड़े में तीसरे व्यक्ति तक पहुंच जाती हैं, उसी तरह मनमोहन सिंह बार-बार बराक ओबामा के पास पहुंच जाते हैं. यदि उस समय नवाज शरीफ की नजर में डॉ. मनमोहन सिंह देहाती औरत थे, तो मौजूदा पाक पीएम को क्या कहा जाए!

इमरान सरकार के खिलाफ गुस्से में जनता
कश्मीर, पाकिस्तान के लिए एक ऐसा मुद्दा है, जो वहां के नेताओं और सेना के लिए संजीवनी की तरह है. इसी मुद्दे को खाद-पानी की तरह पड़ोसी देश के हुक्मरान आतंक की खेती के लिए इस्तेमाल करते हैं. पाकिस्तान की जनता इमरान खान की सरकार के आजीज आ चुकी है और उनके खिलाफ लगातार जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान इकलौता मुल्क है जहां कि जनता मिलिट्री शासन की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आती है. ऐसे में यदि कोई प्रधानमंत्री कश्मीर का जाप करना बंद कर दे तो उसके लिए पाकिस्तान में एक दिन भी राज करना मुश्किल हो जाएगा. सेना और आतंकवादी ऐसे प्रधानमंत्री और सरकार को उखाड़ फेंकेंगे.

पाक पीएम ने रविवार को इस्लामाबाद में डिजिटल मीडिया के प्रतिनिधियों से बातचीत में एक और बात कही. उन्होंने कहा, ‘भारत को छोड़कर पाकिस्तान के किसी भी देश के साथ शत्रुतापूर्ण संबंध नहीं हैं.’ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भूल जाते हैं कि अफगानिस्तान और ईरान जैसे पड़ोसी मुस्लिम राष्ट्रों के साथ भी आतंकवाद को पनाह देने को लेकर उसके संबंध अच्छे नहीं हैं. हर मुसीबत में पाकिस्तान के साथ खड़ा रहने वाला अरब जगत उससे नाखुश है. इमरान खान को अमेरिका जाने के लिए अपना विमान उधार देने वाला सऊदी अरब उस पर अपने कर्ज की वापसी के लिए दबाव बना रहा है.

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