Farmers Protest और कृषि कानूनों पर निकलेगा समाधान? सुप्रीम कोर्ट में अहम फैसला आज
नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) 48 दिनों से जारी है और मंगलवार (आज) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से अहम फैसला आ सकता है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि किसानों की चिंताओं को कमेटी के सामने रखे जाने की जरूरत है. इसके साथ ही कोर्ट ने कानून के अमल पर स्टे के संकेत दिए.
सरकार ने दाखिल किया हलफनामा
किसान आंदोलन मामले में सुनवाई से पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपना प्रारंभिक हलफनामा दाखिला किया है. सरकार ने हलफनामे में कहा कि प्रदर्शनकारियों की ‘गलत धारणा’ को दूर करने की जरूरत है. कृषि मंत्रालय ने शीर्ष अदालत को बताया कि प्रदर्शनकारियों ने यह गलत धारणा दी है कि केंद्र सरकार और संसद ने कभी भी किसी भी समिति द्वारा परामर्श प्रक्रिया या मुद्दों की जांच नहीं की. कानून जल्दबाजी में नहीं बने हैं, बल्कि दो दशकों के विचार-विमर्श का परिणाम है.
केंद्र ने की ट्रैक्टर रैली पर रोक की मांग
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से अपील की है कि कोर्ट किसान संगठनों की गणतंत्र दिवस को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाए, क्योंकि ऐसी रैली से विश्व में देश के सम्मान को ठेस पहुंचेगी. बता दें कि किसानों ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में टैक्टर परेड निकालने की चेतावनी दी है. इससे पहले किसानों ने 7 जनवरी को दिल्ली के चारों तरफ ट्रैक्टर रैली निकाली थी.
किसानों-सरकार के बीच हो चुकी है 8 दौर की बैठक
बता दें कि केंद्र सरकार और किसान संगठन के नेताओं के बीच अब तक 8 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई भी सहमति नहीं बन पाई है. किसान नेता लगातार तीनों कृषि कानूनों को काला कानून करार देते हुए इन्हें रद्द कराने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार प्रावधानों में बदलाव करते हुए इन्हें बरकरार रखने की जिद्द पर अड़ी है. किसानों का साफ कहना है कि वे कानून रद्द होने तक प्रदर्शन जारी रखेंगे.