मंगला गंगा नगर फेस-2 का मामला : अपने ही जमीन पर निर्माण नहीं करा पा रही है बेवा महिला

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बिलासपुर. खुद के लिए खरीदी जमीन में बेवा महिला को निर्माण कार्य कराने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम उपायुक्त हिमांशु तिवारी द्वारा मोहल्ले के कुछ लोगों को एकत्र कर बार-बार सिविल लाइन थाने में झूठी शिकायत दर्ज कराकर बेवा महिला को परेशान किया जा रहा है। राजस्व रिकार्ड में महिला के नाम जमीन में दर्ज होने के बाद उसकी सुनने वाला कोई नहीं रह गया है। शिकायत करने वालों से सिविल लाइन पुलिस द्वारा जमीन के दस्तावेज भी नहीं मांगे जा रहे। इस मामले की शिकायत लेकर कुछ लोग थाने पहुंच जाते हैं और पुलिस बार-बार शिकायत जांच कराने की बात कह रही है।

मामला इस प्रकार है वर्ष 2003 में गंगा नगर फेस-2 में बेवा महिला सरस्वती बाई पति स्व. सुरेश कौशिक ने शिवनारायण शर्मा से रजिस्ट्री के माध्यम से 6 डिसमिल जमीन खरीदी थी जो ग्राम मंगला रानिमं बिलासपुर खसरा नंबर 1048 राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। वर्ष 2006 में बेवा महिला सरस्वती बाई कौशिक ने जमीन का सीमांकन, डायवर्सन करवाकर कांटा तार से अपनी जमीन को घेराबंदी भी की थी। कालोनी में रहने वाले हिमांशु तिवारी अपने जमीन दलाल सहयोगी गौतम सिंह ठाकुर, अमर सिंह ठाकुर के साथ मिलकर मोहल्ले के कुछ लोगों एकत्र कर महिला को उसकी जमीन पर मकान बनाने नहीं दे रहे हैं। बार-बार एक ही मामले का शिकायत दर्ज कराकर पुलिस को भ्रमित करने का काम हिमांशु तिवारी द्वारा किया जा रहा है। तत्कालीन भाजपा नेताओं का सहयोग लेकर हिमांशु तिवारी थाने में जबरिया मामला दर्ज कराने की कोशिश करता चला आ रहा है जबकि उसे अच्छी तरह मालूम हो कि जिस जमीन को लेकर वह विवाद कर रहा है वह राजस्व रिकार्ड में 6 डिसमिल सरस्वती बाई के नाम दर्ज है।

बेवा महिला की 6 डिसमिल जमीन में रोड रास्ता बताकर, गृह निर्माण समिति के लोगों से मिलकर यह खेल खेला जा रहा है। सिविल कोर्ट में भी हिमांशु तिवारी ने मामला दायर किया था जिसमें कोर्ट ने महिला के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था। बताया जा रहा है कि हिमांशु तिवारी गंगा नगर फेस-2 में वर्ष 2004 से रह रहा है। इस दौरान गृह निर्माण समिति से मिलकर अवैध प्लाटिंग भी किया गया। बेवा महिला की जमीन को हड़पने के लिए उसने अपनी ओर से भरकस प्रयास किया। जब- जब महिला ने निर्माण कार्य के लिए सामान उतरवाया तब-तब निर्माण सामाग्री को चोरी भी करा लिया गया। वर्षों से महिला  को खुद की जमीन में निर्माण कार्य कराने से वंचित होना पड़ रहा है। वहीं सिविल लाइन पुलिस ने मामले में महिला की शिकायत पर किसी पर आज तक अपराध नहीं किया है।

महिला ने की थी गृह निर्माण समिति की शिकायत
पूर्व में बेवा महिला सरस्वती बाई ने प्रशासन समक्ष अपनी शिकायत में कहा था कि खसरा नंबर 1064 में फर्जी गृह निर्माण समिति ने करीब 8 से 9 एकड़ जमीन  में 100 से भी ज्यादा रजिस्ट्री की है। गृह निर्माण समिति द्वारा कालोनी निर्माण के दौरान ले-आउट, डायवर्सन, ईडब्ल्यूएस, गार्डन, नाली के बिना अवैध प्लाटिंग की है। महिला की शिकायत के बाद भू-माफिया रंजिश रखने लगे जिसके चलते उसे निर्माण नहीं करने दे रहे हैं।

क्या है भूमि अतिचार?
भूमि अतिचार अधिनियम के तहत किसी भी व्यक्ति की क्रय की गई संपत्ति जो खाली हो या घेराबंदी की गई हो, उक्त भूमि से बिना अनुमति प्रवेश नहीं किया जा सकता। बिना अनुमति आवागमन करना भूमि अतिचार कानून का उल्लंघन है ऐसा करते पाये जाने पर अपराध दर्ज करने का प्रावधान भी है। भूमि स्वामी बेवा महिला सरस्वती बाई ने वर्ष 2017-18 में सिविल पुलिस थाने में अपनी शिकायत दर्ज करवा चुकी है। इस दौरान उच्च अधिकारियों के आदेश पर एसआई शारदा सिंह ने कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया था।

जबरिया किया जा रहा है विवाद
अब सवाल यह उठता है कि खसरा नंबर 1048 में मंगला ग्राम के निस्तार पत्रक में निस्तारी मार्ग दर्ज ही नहीं है और न वह भूमि शासकीय अथवा सार्वजनिक  है। निजी रजिस्ट्री से खरीदी गई भूमि पर जबरिया विवाद खड़ा किया जा रहा है।

मामले में एक पक्ष नेें दस्तावेज दिए है वहीं दूसरे पक्ष द्वारा आम रास्ता बताया जा रहा है। हमने जांच के लिए पटवारी को दस्तावेज भेज दिया है।
-सनिप रात्रे, थाना प्रभारी सिविल लाइन

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