सबक का संदेश पुलिस के प्रति रखें स्नेह


बिलासपुर. दूसरों के लिए,दीपक लेकर चलेंगे तो,रोशनी आप पर भी पड़ेगी,और,चेहरा भी आपका ही दमकेगा। शांति के लिए जरूरत शक्ति की पड़ती है। फिर चाहे समाजिक संस्कृति धार्मिक राजनैतिक जीवन में होने वाले प्रतिबन्धित हो या खेल-कूद की प्रतिस्पर्धा परिवारिक विवादों से लेकर स्वतंत्र जीवन जीने के लिए निर्भय होकर अपने नौकरी- व्यवसाय चलाने के लिए परिवारिक उत्सव शादी-विवाह पर्यटन समाजिक तीज-त्यौहारों धार्मिक कार्यक्रमों को ससम्मान सम्पन्न करने के लिए सबसे ज्यादा ज़रूरतें हमें पुलिस प्रशासन की पड़ती है।


चोरी खीरा की हो या हीरा की चोरी लकड़ी की हो या बकरी की चोरी पैसों की हो या आभूषणों की हत्या हो या लूटपाट अपरहण हो या मारपीट पारिवारिक झगड़े हो या पड़ोसी से मारपीट चोरी हो या उठाई गिरी पति पत्नी के विवाद हो या मां बाप के विवाद, लव मैरिज हुई अरेंज मैरिज में उत्पन्न होने वाले विवाद से लेकर आगजनी दुर्घटना के साथ-साथ सबसे महत्वपूर्ण जवाबदेही जनप्रतिनिधि की सुरक्षा उनके कार्यक्रमों की रक्षा सब- कुछ पुलिस के हाथों एवं भरोसे है। 24 घंटों की कड़ी सर्विस न खाने का ठिकाना न सोने नहाने का फिर भी समाज उन्हें अपने रक्षक के रूप में नहीं देखता है। उन्हें डर एवं भय रहता है क्यों? सबक की पहल निश्चिंत ही स्वागते योग है। हमें हमारे सार्वजनिक जीवन में लोगों को पुलिस प्रशासन के कार्यों को लेकर जाना चाहिए। जिससे प्रदूषित वातावरण में शुद्धता आ सकें और लोगों के मन से डर भय निकले। अपने सबसे बड़े रक्षक के प्रति संगठन सबक द्वारा बढते अपराधों पर अंकुश लगाने वाले जवानों के प्रति सम्मान समारोह कर उन्हें सम्मानित किया जाना। उनके हौसलाफजाई करेगा जनहितों के लिए समर्पित होकर कार्य करने के लिए सबक का स्वागत वंदन अभिनन्दन।

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