नाबालिग बालिका के साथ बलात्संंग करने वाले आरोपी सगे पिता को न्यायालय ने सुनाई सजा

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भोपाल. न्यायालय श्रीमती वंदना जैन अपर सत्र न्योयाधीश के न्यांयालय ने 08 वर्षीय नाबालिग बालिका के साथ बलात्संग करने वाले आरोपी सगे पिता श्यामू पांडे उम्र 35 वर्ष को धारा 363ए 366एए 376 एवं 5/6 पाक्सो एक्टप में दोषी पाते हुये धारा 376 भादवि में आजीवन सश्रम कारावास एवं 2000 रू के अर्थदंड एवं धारा 366ए भादवि में 7 वर्ष कारावास सश्रम व 1000 रू अर्थदंड एवं धारा 363 भादवि में 3 वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रू के अर्थदंड से दंडित किया। आरोपी को दी गई आजीवन कारावास की सजा प्राकृतिक जीवनकाल तक रहेगी। शासन की ओर से अभियोजन का संचालन विशेष लोक अभियोजक श्रीमती सीमा अहिरवार ने किया। मीडिया प्रभारी सुश्री दिव्याक शुक्लाि ने बताया कि दिनांक 29/11/18 को पीडिता उम्र 8 वर्ष की मां ने थाना गौतमनगर में रिपोर्ट लेख कराई कि उसने वर्ष 2013 में श्यामू पांडे से तलाक ले लिया था जिससे उसकी एक पुत्री थी, जो पीडिता ही है। दूसरी शादी करने के बाद फरियादिया अपने दूसरे पति के साथ अपनी पुत्री सहित अपनी दादी के पास रहती थी उसी मोहल्लेत में आरोपी श्यामू पांडे भी रहता था । वह जिस मकान में रहती है वह दो कमरो का था जिसके एक कमरे में वह तथा उसका पति सोता था तथा दूसरे कमरे में पीडिता अपनी दादी के साथ सोती थी। दिनांक 28/11/18 को करीब 12 बजे रात में वह सब खाना-पीना खाकर सो गये थे उसकी बेटी पीडिता दादी के पास सो रही थी तभी रात करीब 1.30 बजे उसकी दादी ने आवाज लगाई कि पीडिता नहीं हैए तत्परश्चाात उनहोंने पीडिता को घर में एवं आस.पास तलाश किया ए आस पास के लेाग भी जाग गये थे। पीडिता के न मिलने पर रिपोर्ट लिखाने जब थाने गये तभी फरियादी की पडोसन पूजा ने फरियादी को फोन पर बताया कि पीडिता घर आ गई है, तब उसने घर आकर देखा तो पीडिता ठंड से कांप रही थी, घबराई एवं डरी हुई थीए तब फरियादिया ने पीडिता से पूछा कि वह कहां गई थी पीडिता इतनी डरी हुई थी कि उसने रात में कुछ नहीं बताया । दूसरे दिन जब फरियादिया ने पीडिता से प्याीर से पूछा तो पीडिता ने बताया कि पापा श्यारमू उसे रात में सोते में से गोदी में उठाकर रेलवे लाईन पटरी के किनारे ले गये थे। जहां पर पीडिता की नींद खुल गई तो पापा उसे जमीन पर लेटाकर उसके साथ गलत काम कर रहे थे। पीडिता के चिल्ला ने पर पापा उसे वहीं छोडकर भाग गये थे और उससे बोले कि घर में दादी और मम्मी कुछ पूछा तो कह देना कि बाथरूम करने गई थी। फरियादिया ने थाने में आरोपी के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शासन द्वारा उक्तब प्रकरण को जघन्यर एवं सनसनीखेज की श्रेणी में चिन्हित किया गया था। न्यायालय में अभियोजन ने शासन की ओर से अपने पक्ष रखे, अभियोजन के द्वारा पेश किये गये साक्षियों को विश्व सनीय मानते हुये न्यायालय द्वारा आरोपी श्यामू पांडे को दोषी मानते हुये दंडित किया।

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