500 करोड़ रुपये के ट्रांसफर स्कैंडल में शामिल हैं परब, ढाकणे और खरमाटे
मुंबई. महाराष्ट्र के राज्य परिवहन मंत्री अनिल परब, परिवहन आयुक्त अविनाश ढाकणे और वर्धा के डिप्टी आरटीओ बजरंग खरमाटे तबादले स्कैम के जरिए 500 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार घोटाले में पूरी तरह से डूब चुके हैं। इस घोटाले के तहत राज्य आरटीओ में अनैतिक और अवैध तरीके से तबादला करवाने का काम हो रहा है।
अनिल परब ने जनवरी, 2020 में महाराष्ट्र राज्य परिवहन मंत्रालय का जब से कार्यभार संभाला है, तभी से उनका एकमात्र काम खरमाटे के जरिए अवैध और अनैतिक तरीके से धन उगाहने का हो गया है। वह तबादला करने के नाम पर धड़ल्ले से भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। अगले 12 सप्ताह में वह 200 करोड़ रुपये की रकम तबादला एक्सप्रेस के जरिए जुटाएंगे।
खरमाटे और ढाकणे का संबंध 25 साल से भी पुराना है। दोनों एक ही जाति और समुदाय से आते हैं। मंत्री अनिल परब और ढाकणे, खरमाटे द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार ही फैसले करते हैं। यह तिकड़ी अवैध तरीके से जमा की गई रकम को आपस में बंदरबांट कर लेती है। इस काम में ढाकणे का एक और पुराना करीबी दोस्त कालस्कर भी शामिल है।
नासिक आरटीओ भारत कालस्कर एक एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। वह अविनाश धाकणे के नाम पर पैसा इकट्ठा करते हैं, जबकि मंत्री अनिल परब और कमिश्नर ढाकणे के लिए बजरंग खरमाटे पैसा इकट्ठा करते हैं। दूसरी ओर, अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र पाटिल भी भ्रष्टाचार की गंगा में हाथ धोने के लिए अपनी समानांतर अकादमी चला रहे हैं।
अपने पूरे सेवा काल में, खरमाटे ने अवैध तरीकों से पदोन्नति हासिल की और इसके जरिए बड़े पैमाने पर चल-अचल प्रॉपर्टी जमा की है। पुणे में उनके 2 बंगले हैं। इसके अलावा, उनके पास 4 एलजी शोरूम और पुणे में दो आभूषण शोरूम भी हैं। इंदौर में तनिष्क ज्वैलरी फ्रैंचाइज़ी के मालिक भी हैं। मिस्टर खरमाटे एक बार फिर से अपने संभावित प्रमोशन के लिए कोशिश कर रहे हैं।
भारत कालस्कर को आरटीओ नासिक के रूप में प्रति माह 35 लाख का भुगतान किया जाता है, उसे धुले जिले के अतिरिक्त प्रभार के लिए भी 50 लाख रुपये से अधिक का भुगतान मिलता है। उसके लालच ने उसे अपने ही सहयोगियों के खिलाफ झूठे आरोप लगाने को प्रेरित किया है। भ्रष्टाचार के नेक्सस का हिस्सा बनने से इनकार करने के बाद वह अपने सहयोगियों और कनिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अब तक कई फर्जी मामले दर्ज करवा चुका है।
केंद्र सरकार और देश की सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना चाहिए। भ्रष्टाचार के माध्यम से अवैध और अनैतिक तबादलों के आधार पर रिश्वत लेने के मामले में अनिल परब, अविनाश ढाकणे और बजरंग खरमाटे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। खरमाटे ही वह व्यक्ति है, जो ढाकणे और परब को तबादला करने का निर्देश देता है, वे दोनों इसके आदेश का पालन करते हैं।