बड़ा ऑपरेशन हुआ है, तो इन आसान से योगासनों के साथ खुद को रखें फिट
आज हम आपको कुछ ऐसे आसनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आप किसी भी सर्जरी या ऑपरेशन के बाद भी आसानी से कर सकते हैं। इसकी वजह से आपको किसी तरह का कोई नुकसान भी नहीं होगा।
अक्सर किसी ऑपरेशन या सर्जरी के बाद, डॉक्टर आपको कुछ दिनों तक योग या एक्सरसाइज करने से मना करते हैं। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि कहीं स्ट्रेच की वजह से सर्जरी या ऑपरेशन वाली जगह पर खिंचाव पड़ने से कोई दिक्कत न आ जाए। ऐसा ही अक्सर किसी ऑपरेशन के अलावा प्रेगनेंसी या डिलीवरी के बाद भी कहा जाता है कि कुछ दिनों तक किसी भी तरह की एक्सरसाइज या योग करने से मना किया जाता है।
यह रस्सी खींचने जैसा ही एक आसन है। इसे करने के लिए, सबसे पहले ‘दंडासन’ की मुद्रा में बैठ जाएं। ध्यान रहे कि आपकी रीढ़ (Spine) सीधी रहे और सीना बाहर की तरफ निकला हो। अब सांस अंदर लेते हुए दायां हाथ ऊपर की तरफ स्ट्रेच करें। सोचें कि आप किसी रस्सी को खींच रहे हैं। अब थोड़ी देर सांस रोकें और फिर सांस छोड़ते हुए हाथ नीचे ले आएं। अब इसी तरह दूसरे हाथ से भी करें। आप इससे कम से कम 10 बार ज़रूर करें।
इस बात का ध्यान रखें कि आप हाथ को जितना हो सके स्ट्रेच करें। सांस उतनी ही होल्ड करें जिसमें आपको दिक्कत न हो। आप इसे करने की स्पीड को अपने हिसाब से कम से ज़्यादा कर सकते हैं।
रज्जु-कर्षणासन के फायदेः
- रीढ़ मजबूत होती है
- फ़्रोजन शोल्डर की दिक्कत में आराम मिलता है
- अंडर आर्म के आस-पास जमा फ़ैट कम होने लगता है
- तनाव और थकान में भी आराम मिलता है
पीठ में दर्द होने पर इसे कुछ दिनों के लिए न करें और अगर पीठ की कोई सर्जरी हुई हो तो एक बार डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
गत्यात्मक मेरु वक्रासन के फ़ायदेः
- इससे पूरा शरीर फ्लेक्सिबल बनता है।
- कंधों में दर्द होने पर आराम मिलता है
- आंखों की एक्सरसाइज होती है
- थकान और जकड़न में आराम मिलता है
इसे करते समय ध्यान रहे कि पैर न हिलें और अपर बॉडी से पूरी एक्सरसाइज करें। आपकी रीढ़ (Spine) सीधी रहे और सीना बाहर की तरफ निकला हुआ हो।
नौका संचालनासन करने के फायदेः
- पेट और पीठ के आस-पास का फ़ैट कम होता है
- फ़्रोजन शोल्डर की दिक्कत में आराम मिलता है
- कई स्त्री रोगों में भी आराम मिलता है