November 23, 2024

Coronavirus : केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पंजाब को लिखा पत्र, बताईं कोविड-19 के रोकथाम की कमियां


नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों के बीच राज्यों में भेजी गई 50 उच्च-स्तरीय स्वास्थ्य टीमों के फीडबैक के आधार पर केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पंजाब को पत्र लिखा है. केंद्र ने कोविड-19 (Covid-19) के संक्रमण पर काबू पाने में आ रही कमियों का जानकारी दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कोविड-19 मामलों की अचानक वृद्धि की जांच के लिए टीमों के सुझावों को लागू करने के लिए तीन राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों से अनुरोध किया. बता दें कि महाराष्ट्र के अलावा छत्तीसगढ़ और पंजाब में कोरोना वायरस के मामले तेज से बढ़े हैं और रोजाना रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं.

केंद्रीय टीमों ने महाराष्ट्र को लेकर दिए ये सुझाव
रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार की टीमों ने बताया है कि महाराष्ट्र (Maharashtra) के कम से कम आठ जिलों में कोरोना वायरस की टेस्टिंग स्लो हैं, जिनमें सतारा, भंडारा, पालघर, अमरावती, जालना, नांदेड़, बुलढाणा और लातूर शामिल हैं. टीमों ने बताया कि भंडारा जिले में कंटेनमेंट जोन (Containment Zone) के बाहर बड़ी संख्या में कोविड-19 के मामले सामने आए हैं. महाराष्ट्र भेजी गई केंद्र सरकार की 30 टीमों ने बताया कि कोविड उपयुक्त बिहेवियर का पालन नहीं किया जा रहा है. इसके बाद केंद्र ने राज्य सरकार के कोविड-19 के नियमों का सख्ती से पालन करने का सुझाव दिया.

केंद्रीय टीमों ने बताया कि महाराष्ट्र के सतारा, सांगली और औरंगाबाद जिलों में कंटेनमेंट जोन का संचालन तय नियमों के अनुसार नहीं किया जा रहा है, जबकि बुलढाणा, सतारा, औरंगाबाद और नांदेड़ में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग सही तरीके से नहीं किया जा रहा है. इसके अलावा औरंगाबाद, नंदुरबार, यवतमाल, सतारा, पालघर, जलगांव और जालना जिलों में स्वास्थ्यकर्मियों की भारी कमी है.

छत्तीसगढ़ के लिए केंद्रीय टीम के सुझाव
केंद्र की टीमों ने बताया, छत्तीसगढ़ (Coronavirus in Chhattisgarh) के कोरबा, दुर्ग और बालोद जिलों में आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिस कारण टेस्टिंग में ज्यादा समय लग रहा है. केंद्रीय टीम द्वारा शेयर किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में इन जिलों के सभी आईसीयू बेड पर भरे हुए है और केंद्रीय टीम ने राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि जिला प्रशासन को अस्पताल के बुनियादी ढांचों के सुधार में मदद करें. केंद्र की टीम ने बताया है कि कोरबा रेमेडिसविर की कमी का सामना कर रहा है.

केंद्रीय टीम ने राजनांदगांव में कोविड-19 उपयुक्त बिहेवियर की कमी पर भी प्रकाश डाला. टीम ने बताया कि दुर्ग, जशपुर और राजनांदगांव जिलों में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है. टीमों ने रायपुर और जशपुर में कंटेनमेंट जोन को लेकर चिंता व्यक्त की है. केंद्रीय टीमों ने सिफारिश की है कि बालोद और कोरबा जिलों में लोगों का टीकाकरण करने वाली टीमों को एक रिफ्रेशर ट्रेनिंग कोर्स से गुजरने की जरूरत है.

केंद्र की टीमों ने पंजाब को लेकर दिए ये सुझाव
पंजाब (Coronavirus in Punjab) में तैनात टीमों ने कहा कि पटियाला और लुधियाना में धीमी गति से लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है और सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा दोनों जिले कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के मामले में भी पिछड़ रहे हैं, जबकि पटियाला में टेस्टिंग की दर काफी गिर गई है. केंद्रीय टीमों ने बताया कि एसएएस नगर और रूपनगर जिलों में कोविड-19 डेडिकेटेड हॉस्पिटल और आरटी-पीसीआर टेस्टिंग लैब नहीं हैं.

रूपनगर के अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है, जिस कारण अस्पतालों में वेंटिलेटर का बेहतर उपयोग नहीं हो रहा है. इसके अलावा पटियाला और एसएएस नगर भी स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है. केंद्र की टीमों ने जिला प्रशासन से एसएएस नगर, जालंधर और लुधियाना में अस्पताल के बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता देने के लिए कहा है, क्योंकि इन जिलों में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में वृद्धि जारी है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post Coronavirus : केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान कोरोना संक्रमित, बंगाल में कर रहे थे चुनाव प्रचार
Next post Iran ने Nuclear Facility में हुए Blackout को बताया आतंकी घटना, America और Israel के साथ बढ़ सकता है तनाव
error: Content is protected !!