जरूरतमन्दों को भोजन और पशुओं चारा खिलाने लोगों ने बढ़ाया हाथ

बिलासपुर/अनीश गंधर्व. धन्य हैं वो लोग जो संक्रमण के इस दौर में भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। शहर में समाज सेवा करने वालों की कोई कमी नहीं है। लॉक डाउन में लोग भूखे न रहें इसका पूरा ख्याल इन दिनों रखा जा रहा है। इसी तरह सड़कों पर बैठे गायो को चारा दिया जा रहा। संकट की घड़ी में लोग घरों से बाहर नही निकल रहे हैं, चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ है। बावजूद इसके समाज सेवा करने वालों द्वारा पुथपाठ में रहने वालों को भोजन परोसा जा रहा है। सड़कों घूमने वाले पशुओं को भी चारा खिलाया जा रहा है।
मानव सेवा को भगवान की पूजा से बढ़कर माना जाता है और यही कारण है कि कोरोना काल में भी लोग एक दूसरे की जमकर मदद कर रहे हैं। यहां रोजाना भूखे लोगों तक खाना पहुचाया जा रहा। ऐसे कई लोग है जो कुत्ते को बिस्किट खिलाने दुपहिया वाहन घूम रहे हैं, लोग गायों को चारा खिला रहे हैं। जन स्वास्थ्य और गायों की सुरक्षा व्यवस्था पर सरकार द्वारा हमेशा बड़े बड़े वादे किये गए लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही हैं। कोरोना काल में भी सरकारी अमला मुनाफा खोरी करने में तुला हुआ है। सरकारी अस्पतालों में  कोरोना पीड़ित मरीजों को रखने के लिए जगह नही हैं। निजी अस्पतालों में लाखों रुपये जमा करने कहा जा रहा है। आलम यह है कि मृतकों का दाह संस्कार भी बिना पैसों के नही किया जा रहा है। लोग कोरोना से लडने तैयार हैं लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था ने सब कुछ हिलाकर रख दिया।
राज्य शासन ने नरवा,गरवा, घुरवा अउ बाड़ी को लेकर योजना तो बनाई है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कागजो में ही  योजनाओं को दफ्न करने में तुले हुए हैं। जिन मवेशियों को गोठनों में होना चाहिए वो सड़कों में घूम रहे हैं। सरकारी व्यवस्था को देख समाजसेवी लोग ही गायों को चारा खिला रहे।

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