VIDEO : किम्स अस्पताल में कोविड मरीजों के साथ खेला जा रहा है मौत का खेल
बिलासपुर/अनिश गंधर्व. किम्स अस्पताल में कोरोना पीडि़तों की हो रही लगातार मौतों के बाद भी प्रबंधन द्वारा उपचार के नाम पर लूट खसोट किया जा रहा है। यहां रोजाना विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। लोग बेहतर उपचार कराने किम्स अस्पताल पहुंच रहे है लेकिन अपनों को गंवा देने के बाद अपना माथा पीट रहे हैं। आरोप तो यह भी है कि बिना सुविधा के इस अस्पताल में मरीजों से पैसे ऐंठने दाखिला दिया जा रहा है। मरीज के परिजनों को बार बार गुमराह किया जा रहा है फिर बाद में मौत होने की सूचना दी जा रही है। अपने माता पिता को खो चुकी कोरबा निवासी श्रुती जयसवाल ने बताया कि मैं खुद नर्सिंग का कोर्स करती हूं मुझे मालूम हैे कि आक्सीजन की कमी होने पर मरीज को कैसे ठीक किया जाता है। किम्स अस्पताल प्रबंधन द्वारा पैसे कमाने के लिए मौत का खेल खेला जा रहा है जिसकी शिकायत जिला कलेक्टर से मैं करने जा रही हूं।
किम्स अस्पताल का पूरा अमला इन दिनों कोविड के मरीजों पर नजरें गढाये बैठा है, लोगों को पहले बेड नहीं होना बताया जा रहा है फिर बाद में पैसे जमा करने पर दाखिला दिया जा रहा है। कोरबा निवासी श्रुति जयसवाल ने बताया कि उनके पापा रामशंकर जयसवाल व उनकी माता देवकी जयसवाल को चार दिन पूर्व किम्स अस्पताल में दाखिल कराया गया था। इस दौरान उनके पापा को कोरोना पॉजीटिव पाया और मम्मी निगेटिव थी। यहां चिकित्सकों ने दोनों का सिटी स्कैन कराया और कोविड जनरल वार्ड में रखा गया।
इसके बाद उनके पापा को आईसीयू वार्ड में ले लाया गया। यहां न तो मरीजों को देखने वाला स्टाफ मौजूद था न ही चिकित्सक। श्रुती ने बताया कि आईसीयू वार्ड में न तो सहीं तरीके से बेड की व्यवस्था है और न ऑक्सीजन मेंनटेंनेस करने वाला कर्मचारी, मरीजों को भगवान भरोसे छोड़कर केवल और केवल परिजनों को गुमराह किया जा रहा है। अपने माता पिता को खो देने के बाद श्रुती ने कहा कि यहां केवल कोविड के मरीजों को बेड पर लिटा दिया जा रहा है उपचार व्यवस्था नहीं है। डॉक्टर भी मरीज के परिजनों को दो दो मिनट कहकर टाल मटोल कर रहे हैं। ऐसे अस्पताल को जनहित में शासन प्रशासन को बंद करा देना चाहिए। पीडि़तों ने मामले की शिकायत जिला कलेक्टर से करने की बात कहीं है।
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युवक ने लगाया गंभीर आरोप
गेवरा निवासी दिनेश कुमार को 21 अप्रैल को किम्स अस्पताल में दाखिल कराया गया था। यहां पीडित लगातार अपने पुत्र योगेश को मोबाइल पर बता रहा था कि यहां कुछ ठीक नहीं चल रहा है,उन्हें अटेन वाला कोई नहीं है। कोई जानकार व्यक्ति वहां उपस्थित नहीं था उपचार में बरती गई लापवाही के चलते दिनेश कुमार की मौत हो गई। उनके पुत्र योगेश ने आरोप लगाते हुए बताया कि यहां के डॉक्टरों ने कहा था कि आपके पापा सात दिन में ठीक हो जाएंगे इसके बाद आधे घंटे में सिरियस होने की जानकारी दी गई और अंतत: उनकी मौत हो गई। अभी भी सैकड़ों लोग किम्स अस्पताल के कसाई खाने में कैद हैं जिन्हें बारी बारी मौत के घाट उतारा जा रहा है।
हो हंगामा होते ही छिप जाते हैं जिम्मेदार
उपचार में बरती जा रही लापरवाही के चलते किम्स अस्पाल में रोजाना मौते हो रही है। मृतकों के परिजन यहां रोजाना हो हंगामा कर रहे हैं। हो हंगामा होते देख कोविड प्रभारी डॉक्टर और सीईओ शशिकांत छिप जाते हैं। मीडिया या फिर अन्य शिकायकर्ता को उनसे मिलने नहीं दिया जाता। चारों ओर सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिए गए हैं जो आने वाले कोविड के मरीजों को दाखिला दिलाने का काम कर रहे हैं। किम्स अस्पताल के कोविड प्रभारी डॉक्टर द्वारा फोन नहीं उठाया जा रहा है वहीं सीइओ ने कहा है कि अभी मीटिंग में हूं थोड़ी देर बाद में लगाता हूं।