Salman Khurshid की Congress को सलाह: BJP की तरह बड़ा सोचें, Success होने का यही है एकमात्र Formula
नई दिल्ली. कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) को लगता है कि पार्टी को भाजपा (BJP) की तरह बड़ा सोचना चाहिए, तभी वह मौजूदा स्थिति से बाहर निकल सकती है. खुर्शीद ने कहा कि कांग्रेस को इस निराशावादी दृष्टिकोण को नहीं अपनाना चाहिए कि वह बहुत छोटी एवं कमजोर हो चुकी है और अपनी खोई जमीन वापस नहीं पा सकती. उसे भाजपा की तरह बड़ा सोचना चाहिए.
West Bengal से मिली सीख
सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) ने कहा, ‘मैंने पश्चिम बंगाल और असम से एक चीज सीखी है, आपको यह कभी भी स्वीकार नहीं करना चाहिए कि आप आप बहुत छोटे हैं, कमजोर हैं और किसी क्षेत्र या राज्य में कुछ बड़ा नहीं कर सकते. उन्होंने आगे कहा कि मेरा मानना है कि भाजपा उन जगहों पर भी बड़ी सोच के साथ उतरी, जहां उनका कोई अस्तित्व ही नहीं था.
विश्वास ही पार लगाएगा नैया
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस को यह निराशावादी दृष्टिकोण नहीं स्वीकारना चाहिए कि वह अपनी जमीन बहुत ज्यादा खो चुकी है और इसे फिर से हासिल नहीं कर सकती. खुर्शीद ने कहा ‘मुझे लगता है कि प्रतिबद्धता और विश्वास के साथ ही हम यह कर सकते हैं और हमें करना भी चाहिए. उन्होंने इस पर सहमति जताई कि पश्चिम बंगाल में लोगों ने सोची-समझी रणनीति के साथ मतदान किया जिस वजह से कांग्रेस और वाम दलों का सफाया हो गया.
गठबंधन पर कही ये बात
इस सवाल के जवाब में कि वह कांग्रेस के कुछ नेताओं की इस राय के बारे में क्या सोचते हैं कि पश्चिम बंगाल में इंडियन सेक्युलर फ्रंट और असम में एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन से कांग्रेस को नुकसान हुआ? सलमान खुर्शीद ने कहा कि जब आप सफल नहीं होते हैं तो इस तरह के स्पष्टीकरण दिए जाते हैं. जब आप सफल होते हैं आपको अलग तरह का स्पष्टीकरण दिया जाता है.
UP Election की तैयारी
कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव बाद के स्पष्टीकरण का कोई मतलब नहीं है, जब तक इससे आपको अपने निर्णय लेने की प्रक्रिया और निर्णय की खूबियों के बारे में विश्लेषण करने में मदद न मिले. उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव से जुड़े के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र लोगों के बीच की भावनाओं को प्रकट करेगा. गौरतलब है कि कांग्रेस दिन बी दिन कमजोर होती जा रही है. हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी उसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा.