First Wave Vs Second : कोरोना की दूसरी लहर कैसे है पहली से अलग, क्यों बिगड़ रही है मरीजों की स्थिति

कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर के मुकाबले अधिक विनाशकारी सिद्ध हो रही है। हर रोज कोरोना की वजह से हजारों लोगों की जान जा रही है। ऐसे में कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षणों के बारे में जानना बेहद जरूरी हो गया है। इसके अलावा यह पहले स्ट्रेन से कैसे अलग है? यह भी आपको जानना चाहिए।

कोरोना की पहली लहर शांत होने के बाद आम लोगों से लेकर सरकार तक मान बैठी थी कि अब कोरोना का अंत हो गया है। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने जिस कदर तबाही मचाई इससे स्वास्थ्य व्यवस्था की तो पोल खुल ही गई। साथ ही वह युवा जो इस वायरस से खुद को सुरक्षित मान रहे थे, वह भी इसकी गिरफ्त में आने लगे। वैक्सीनेशन होने के बावजूद भी आज लाखों लोग रोज कोरोना की चपेट में आ रहे हैं।

वहीं, कोरोना के इस नए स्ट्रेन की वजह से ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाइयों की भी जरूरत पड़ रही है। कोरोना के इस स्ट्रेन के ना केवल लक्षण थोड़े अलग हैं, बल्कि यह पहले स्ट्रेन से ज्यादा शक्तिशाली भी प्रतीत हो रहा है। ऐसे में कोरोना के इस स्ट्रेन के लक्षण क्या हैं, और किस तरह यह लोगों के लिए जानलेवा हो रहा है? आइए जानते हैं…
​क्यों हो रही है दूसरी लहर खतरनाक

कोरोना का यह दूसरा म्यूटेंट बहुत-सी समस्याओं को साथ लेकर आया है। कोरोना के पहले स्ट्रेन ने जहां युवाओं को अधिक परेशान या संक्रमित नहीं किया, वहीं दूसरा स्ट्रेन युवाओं को ही अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है। वायरस के इस म्यूटेंट के संक्रमण में आने वाले लोगों को बहुत जल्दी ही अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ रही है। विशेषज्ञों की मानें तो पहले स्ट्रेन से दूसरे स्ट्रेन के लक्षण काफी अलग हैं।

​फेफड़ों पर हो रहा है अधिक असर

कोरोना को लेकर आई रिपोर्ट बताती है कि दूसरा स्ट्रेन 25 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के फेफड़ों पर बुरा असर डाल रहा है। यही कारण है जिसकी वजह से देश के अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की मारामारी चल रही है।

यही नहीं, कोरोना का यह स्ट्रेन फेफड़ों पर कई दूसरे नकारात्मक प्रभाव भी दिखा रहा है जिसकी वजह से कई तरह की रेस्पिरेटरी समस्याएं लोगों को हो रही हैं। नए स्ट्रेन से संक्रमित व्यक्ति को दूसरे तीसरे दिन ही निमोनिया और एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। इसके अलावा मरीजों को चेस्ट पेन, लगातार खांसी और दूसरी फेफड़ों की समस्या भी देखने को मिल रही है। यह सभी लक्षण अब युवाओं में अधिक देखने को मिल रहे हैं।

​सांस लेने में दिक्कत और ऑक्सीजन लेवल कम होना

कोरोना के पहले स्ट्रेन के मुकाबले दूसरे स्ट्रेन से संक्रमित लोगों को सांस लेने में बहुत ज्यादा दिक्कत आ रही है। वहीं, इसके अलावा कोरोना से पीड़ित मरीजों का ऑक्सीजन लेवल SPO2 पहले सप्ताह में ही 92 प्रतिशत से कम जा रहा है।

जिसकी वजह से न केवल लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ रही है, बल्कि डॉक्टर की देखरेख में रहने की भी आवश्यकता दिखाई दे रही है। यही नहीं, मरीज को सांस लेने में आने वाली दिक्कत का समाधान अगर जल्दी नहीं हो रहा, तो इसके कारण बहुत से ऑर्गन फेल भी हो रहे हैं।

​दूसरे स्ट्रेन के शुरुआती लक्षण नहीं हैं पुराने जैसे

कोरोना के पहले स्ट्रेन के शुरुआती लक्षण जहां बुखार और खांसी के थे। वहीं, दूसरे स्ट्रेन में केवल यह लक्षण ही नहीं हैं जो दिखाई दे रहे हैं। बल्कि इस बार कोरोना ने लोगों को अलग अलग तरीके से अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है।

ऐसे में अगर व्यक्ति संक्रमित हो रहा है तो उसे कई दूसरे लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं। जैसे- बाल झड़ना, मुंह का सूखना, लाल आंखें, स्किन पर चकत्ते आना आदि। अगर आपको भी इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो इन्हें हल्के में बिल्कुल ना लें।

​गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण

आपको जानकर हैरानी होगी कि कोरोना के 40 प्रतिशत मामलों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (पेट से जुड़ी समस्याएं) लक्षण भी देखे जा रहे हैं। यही नहीं, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्या केवल यह नहीं बता रही कि मरीज कोरोना से संक्रमित है, बल्कि इस ओर भी इशारा कर रही है कि यह डबल म्यूटेंट का असर है। अभी के समय में कोरोना के दूसरे म्यूटेंट के जो अन्य लक्षण देखे जा रहे हैं वह कुछ इस प्रकार हैं- दस्त, भूख कम लगना, उल्टी, असंतुलित मेटाबॉलिज्म, खाने में परेशानी होना और वजन कम होना आदि शामिल हैं।

लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल के लक्षण केवल कोरोना से संबंधित नहीं होते हैं और यह पेट के फ्लू की वजह से भी हो सकते हैं। ऐसे में इस समस्या का उपचार करना बेहद उलझन भरा हो सकता है, जो आगे चल कर संक्रमण को भी बढ़ा सकता है।

​कमजोरी और थकान भी लक्षण

कोरोना से संक्रमित मरीजों से की गई बातचीत से पता चला है कि इसके शुरुआती दिनों में व्यक्ति को थकान और कमजोरी महसूस होने लगती है, जिसे लोग आमतौर पर साधारण समझते हैं। लेकिन यह स्थिति को बिगाड़ भी सकती है। कोरोना से संक्रमित होने पर इम्यून सिस्टम के द्वारा यह पहली प्रतिक्रिया भी हो सकती है। इस दौरान इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने का प्रयास कर सकता है, जो लड़ाई लंबे समय तक चल सकती है। ऐसे में कोरोना के ऐसे किसी भी लक्षणों को हल्के में ना लें।

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