युवक कांग्रेस ने किया कलेक्टर से आग्रह : आपदा को अवसर बनाकर, मरीजों से लूट करने वाले डॉक्टरों तथा अस्पतालों की जांच हो

बिलासपुर. युवक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भावेश गंगोत्री के नेतृत्व में संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर डा सारांश मित्तर से मिलकर आपदा को अवसर में बदलने वाले अस्पतालों के खिलाफ शिकायती पत्र । विदित हो कि कोरोना की दूसरी लहर से बिलासपुर जिला पूरी तरीके से प्रभावित हुआ है। यहां जहां एक ओर सैकडों लोगों ने अपनी जान गवाई है वहीं उनसे कई ज्यादा लोगों के घरों तक इसका सीधा असर हुआ है।  कोरोना से बचने के लिए सभी अपने स्तर में लोगों की मदद करने में लगे हुए है ।जहां एक ओर बहुत से हॉस्पिटल , डॉक्टर  और नर्सिंग स्टाफ रात दिन एक कर मरीजों की सेवा करने में लगे थे, वहीं दूसरी ओर शहर के ही कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल, आपदा को अवसर में बदलकर कोरोना पीड़ितों और उनके परिजनों को लूटने में लगे थे। इन सभी विषयों के विरोध में आज प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधीश से भेंट कर रोष व्यक्त किया । जब करोना अपने चरम स्तर पर था।उस समय प्रतिदिन बहुत से हॉस्पिटल के बारे में  अनेको प्रकार की शिकायतें सामने आ रही थी। परंतु लॉकडाउन लगे होने के कारण से ऐसे सभी मामले दब जा रहे थे ।इस दौरान एसकेबी हॉस्पिटल,राजीव गांधी चौक,केयर एंड क्योर ,किम्स व श्रीराम केयर जैसे बहुत से हॉस्पिटलों की शिकायत प्रमुखता से सामने आई है। जिन्होंने पीड़ितों से पैसे भी ले लिए और लापरवाही पूर्वक इलाज कर संक्रमित मरीजों की जान भी ले ली। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी शिकायत की है कि जिन अस्पतालों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं थीं या जो कोरोना गाइडलाइन के मापदंड को पूर्ण भी नहीं करते ऐसे हॉस्पिटलों को सीएमएचओ द्वारा कोरोना अस्पताल बनाने की अनुमति कैसे दे दी गई.! नेत्रालय व बच्चों के हॉस्पिटल तक को कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया था। यही वजह है कि बिलासपुर में हॉस्पिटल में भर्ती लोगों की मौतों का आंकड़ा अत्यधिक है ।जहां कुछ प्राइवेट हॉस्पिटालों ने गलत इलाज करने में कोई कमी नहीं की। वहीं सिम्स और जिला चिकित्सालय की भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। जिला चिकित्सालय में तो बेड खाली होने के बावजूद वहां डॉक्टरों व कर्मचारियों द्वारा मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी जा रही थी। जो मरीज वहां एडमिट थे उनके व उनके परिजनों द्वारा कई प्रकार की शिकायतें प्रतिदिन की जा रही थी। जिसके निराकरण के लिए जिला चिकित्सालय व सिम्स प्रबंधन कभी भी गंभीर नहीं हुआ। कोरोना की दूसरी लहर में जहां उच्च व मध्यम वर्ग के लोग बड़ी संख्या में श प्रभावित हुए। वहीं निम्न वर्ग भी खासी संख्या में प्रभावित हुए जो सिर्फ सरकारी अस्पतालों पर ही निर्भर थे। परंतु शासकीय अस्पतालों के कुछ डॉक्टर व कर्मचारियों की वजह से लोगों को भटकना पड़ रहा था। इन सभी बातों के विरोध में आज जिलाधीश से भेंट कर रोष व्यक्त किया गया। साथ ही इन सभी मामलों की जांच हेतु एक जांच दल गठित कर दोषियों के ऊपर उचित कार्रवाई की मांग की गई।आज के प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से भावेन्द्र गंगोत्री जिलाध्यक्ष गौरव दुबे  आशीष गोयल प्रदेश सचिव रंजीत सिंह कार्य जिला अध्यक्ष एनएसयूआई गोलू चंदानी जिला महासचिव युवा कांग्रेस उपस्थित थे।

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