महंगाई के खिलाफ महिला कांग्रेस का हल्ला बोल
बिलासपुर. अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुस्मिता देव के आह्वान पर व छग महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद, फूलो देवी नेताम जी , व प्रदेश अध्यक्ष श्री मोहन मरकाम के निर्देशानुसार भाजपा की केन्द्र सरकार के द्वारा चलाई जा रही जनविरोधी नीतियो के कारण लगातार बढ रही मंहगाई के विरोध मे महिला कांग्रेस ने धरऩा प्रदर्शन के माध्यम से अपना विरोध दर्ज किया । महिला कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारी , जिलाध्यक्ष, जिला पदाधिकारी व ब्लॉक अध्यध ने एक स्वर मे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अच्छे दिनो का सपना दिखाने वाली मोदी सरकार ने पेट्रोल , डीजल , खाद्य तेल , गैस सिलेण्डर , व खाद्य सामग्री की कीमतो मे कुछ ऐसी बेतहाशा वृद्धि की, जिससे ऐसा लगता है कि हर घर गृहस्थी का बजट बिगाडना ही आपका लक्ष्य है । आज हर घर की महिलाएं कोरोना काल से ऊबर कर कैसे अपना परिवार चलाये ।इसे लेकर चिंतित हैं। लेकिन प्रधानमंत्री उनकी परेशानियां इसलिए नही जानते क्योकि उनका कोई परिवार ही नहीं है। वरना उन्हे हर गृहणी का दर्द महसूस होता । जो अपनी पत्नि का नही हुआ वह देश की महिलाओ का दर्द क्या समझे । केन्द्र मे कांग्रेस की सरकार मे जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे तो अंतराष्ट्रीय बाजारो मे पेट्रोल मे वृद्धि होने के बावजूद भी देश के आमजनो का उनके बजट के अंदर पेट्रोल , डीजल, खाद्य सामग्री, हम महिलाओ को मिला करती थी। । जबकि प्रधानमंत्री मोदी के शासन मे बेतहाशा बढी मंहगाई के कारण देश की गृहणियों के लिए अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है। महिला कांग्रेस ने बढ़ती महंगाई को लेकर भाजपा पर तंज कसते हुए कहा..कहां गये भाजपा के ओ नेता गण..? जो मामूली मूल्य वृद्धि होते हीसर पर सिलेण्डर लेकर व सायकिल चलाकर कांग्रेस की सरकार को बदनाम किया करते थे। क्या भाजपा नेताओ को आज की कमर तोड मंहगाई नही दिखाई देती । जिलाध्यक्ष अनिता लव्हात्रे ने कहा कि अचानक नोटबंदी , उसके बाद जी एस टी , फिर किसान विरोधी बिल के दुष्परिणामों और कोरोना से २ वर्ष तक आमजन लड कर आज निकल भी नही पाये। उपर से प्रधानमंत्री द्वारा थोपी गई मंहगाई की मार । ,इतनी बडी समस्या को देखकर भी मंहगाई को चरम सीमा पर बढाये जा रहे है । प्रधानमंत्री जी अगर आपको फुर्सत मिले तो उन गरीब परिवारो के बीच जाकर पूछते कि आप जीवनयापन कैसे कर रहे है? तब उन्हें मंहगाई काे झेलने वाले हर परिवार का दर्द महसूस होता । अनिता लव्हात्रे ने कहा कि जिस देश की प्रजा दुखी हो, वहां के राजा को पद पर बने रहने का कोई हक नही है .